Puri Rath Yatra 2020: जगन्नाथ यात्रा को सशर्त इजाज़त

Supreme Court : रथ यात्रा निकालने का फैसला केवल पुरी के लिए है बाकी जगहों पर कोर्ट का पुराना फैसला बरकरार

Publish: Jun 23, 2020, 06:34 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून से शुरू होने वाली जगन्नाथ यात्रा को सशर्त अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार, केंद्र सरकार और मंदिर समिति के सामंजस्य से रथ यात्रा को शुरू किया जा सकता है। यह फैसला केवल पुरी के लिए है बाकी जगहों पर कोर्ट का पुराना फैसला बरकरार रहेगा।

18 जून को शीर्ष अदालत ने कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जगन्नाथ रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर इस वर्ष रथयात्रा पर रोक नहीं लगाई गई तो स्वयं भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। कोर्ट के फैसले असंतुष्ट कुछ संगठनों ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की थी। केंद्र सरकार भी जगन्नाथ पूरी रथयात्रा के समर्थन में थी। सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपना पक्ष रखा। उच्चतम न्यायालय ने पुनर्विचार याचिकाओं पर दलील सुनने के बाद यात्रा पर हरी झंडी दे दी है। पिछली तीन शताब्दियों से पूरी में जगन्नाथ यात्रा का चलन है। जगन्नाथ यात्रा का प्रथम आयोजन 1736 में हुआ था।

अंतिम फैसला राज्य सरकार का होगा

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा मामले में सुनवाई की। बेंच की अध्यक्षता खुद मुख्य न्यायधीश एस ए बोबडे कर रहे थे। पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर कोर्ट ने अपना पुराना आदेश वापिस ले लिया। रथ यात्रा को सशर्त मंज़ूरी दे दी। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि रथ यात्रा को कोरोना से बचाव के तमाम उपायों के बीच पूरा किया जाए। रथ यात्रा के दौरान मौजूद तमाम श्रद्धालुओं को कोरोना की गाइडलाइंस का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। इसकी जिम्मेदारी कोर्ट ने केंद्र व ओडिशा सरकार को दी है। हालांकि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि अगर राज्य सरकार रथ यात्रा के दौरान स्थिति नियंत्रण से बाहर जाते देखे तो यात्रा पर रोक भी लगा सकती है। एक तरह से उच्चतम न्यायालय ने यात्रा को लेकर अंतिम फ़ैसला राज्य सरकार के विवेक पर छोड़ा है।

9 दिन की रथयात्रा में शामिल होते हैं लाखों श्रद्धालु

गौरतलब है कि आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितिया को हर साल रथयात्रा निकाली जाती है। इस साल 23 जून से श्री जगन्नाथ मंदिर से यह यात्रा निकलनी थी। नौ दिन तक चलने वाली रथ यात्रा में हर साल 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भाग लेते हैं। इनकी सुरक्षा के मद्देदनजर हजारों की संख्या में पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया जाता है।