Bhupesh Baghel : कोल ब्लाक का निजीकरण रोके Modi Government

Coal Block Auction : श्रम संगठनों की तीन दिनी हड़ताल, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने लिखा पत्र

Publish: Jul 05, 2020, 07:49 AM IST

courtesy : steel guru
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आवंटन रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे जंगल,सिंचाई आदि प्रभावित होंगे। वहीं कोल ब्लॉक आवंटन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि पूरे देश में बिजली की मांग में भारी कमी आई है। औद्योगिक इकाइयों में काम नहीं हो रहा है, कोयले की आवश्यकता कम है इस समय में नीलामी करने से कोयले का रेट कम आएगा।

झारखंड सरकार भी कर चुकी है कोल ब्लाक के निजीकरण का विरोध

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से वाणिज्यिक खनन के लिए कोल ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि यह नीलामी प्रक्रिया बिना सामाजिक-आर्थिक-पर्यावरण सर्वे के किया गया है। यह वनों और आदिवासी आबादी की घोर उपेक्षा है। यह निर्णय संघीय ढांचे के खिलाफ भी है। इसलिए झारखंड सरकार केंद्र के इस कदम के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है।

कोल ब्लाक के निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन 

देश के 41 कोल ब्लॉकों को निर्यात के उद्देश्य से व्यावसायिक खनन का फैसला लिया गया है। कोल ब्लाकों को कॉरपोरेटों को नीलाम करने के खिलाफ 2 से 4 जुलाई तक देशव्यापी आंदोलन किया गया। वहीं कोल इंडिया के निजीकरण की केंद्र सरकार की मुहिम के खिलाफ कोयला मजदूरों के 25 संगठनों ने तीन दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की। व्यावसायिक खनन को मंजूरी समेत केंद्र सरकार की तमाम मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, सीटू, एक्टू, इंटक, बीएमएस और एचएमएस के आह्वान पर प्रदर्शन किया।                      

दरअसल केंद्र सरकार ने कोल और माइनिंग के सेक्टर को कॉम्पिटिशन, कैपिटल के अलावा भागीदारी और तकनीक के लिए पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि इन रिफॉर्म्स के बाद अब कोल प्रोडक्शन, पूरा कोल सेक्टर भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा।