CG Elections 2023: ED-CRPF के वाहनों की जाँच की मांग, भूपेश बघेल ने पूछा स्पेशल प्लेन से बक्सों में क्या आ रहा है

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर बक्सों में पैसे लाने का आरोप लगाया है। बघेल ने कहा कि जितने भी स्पेशल प्लेन छत्तीसगढ़ में उतर रहे हैं, उन सबकी जांच होनी चाहिए। आखिर बक्सों में भरकर क्या आ रहा है?

Updated: Nov 02, 2023, 03:17 PM IST

रायपुर। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी-आईटी रेड्स को लेकर सियासत गर्म है। राजस्थान में गुरुवार को ईडी का एक अधिकारी घुस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। इसी बीच अब छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी और सीआरपीएफ की जो भी टीम छत्तीसगढ़ आ रही है, उनके साथ बड़े बड़े बक्से भी साथ आ रहे हैं। उन बड़े बड़े बक्सों में क्या है, ये सबको पता चलना चाहिए।

चुनाव प्रचार पर निकलने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने चिर परिचित अंदाज में एक बार फिर केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ बीजेपी को जमकर कोसा। सीएम ने ये सवाल भी उठाया कि आखिर छत्तीसगढ़ में जब भी ईडी की टीम और सीआरपीएफ की टीम आती है तो बड़े बड़े बक्से भी उनके साथ आते हैं। आखिर उन बक्सों में क्या होता है। ये सबको मालूम होना चाहिए। निर्वाचन आयोग को भी चाहिए कि जब आम लोगों और नेताओं की गाड़ी तक चेक की जा रही है तो फिर उनकी गाड़ियों को क्यों नहीं चेक किया जा रहा।

सीएम बघेल ने आगे कहा कि स्पेशल प्लेन से जो भी सामान ईडी और सीआरपीएफ की टीम लेकर आ रही है उसे जरूर निर्वाचन आयोग अपनी कस्टडी में लेकर चेक करे, क्योंकि बीजेपी कुर्सी पाने के चक्कर कुछ भी कर सकती है, वो इतना नीचे गिर चुकी है कि अब लोकतंत्र की हत्या करने पर भी आमादा है।

इसके साथ ही सीएम बघेल ने एक ट्वीट में लिखा, 'निर्वाचन आयोग से अनुरोध है कि जितने भी स्पेशल प्लेन छत्तीसगढ़ में उतर रहे हैं, सबकी जाँच की जाए। आखिर बक्सों में भरकर क्या आ रहा है? छापों के नाम पर आ रही ED और CRPF के वाहनों की भी जाँच की जाए। प्रदेश के लोगों को आशंका है कि चुनाव हारता देख भाजपा भर-भरकर रुपया ला रही है।'

वहीं, राजस्थान में ईडी के अधिकारी की गिरफ्तारी पर भी सीएम बघेल की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने ट्वीट किया, 'जयपुर में ED का अफसर 15 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ़्तार हुआ है। इसीलिए मैं बार-बार कह रहा हूँ कि गलियों-गलियों में घूम रहे इन ED अफ़सरों की गाड़ी की जरूर जाँच की जाए। छापों की आड़ में कहीं ये "कमल छाप के स्टार प्रचारक" बनकर तो नहीं घूम रहे हैं?'