कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज भाजपा नेता नंदकुमार साय, सीएम भूपेश बघेल ने दिलाई सदस्यता

साय ने पूरा जीवन आदिवासियों के लिए समर्पित किया। वे बहुत ही निश्चल मन के व्यक्ति हैं। कांग्रेस की नीति और सिद्धांत पर उन्होंने भरोसा जताया है: सीएम बघेल

Updated: May 01, 2023, 01:00 PM IST

रायपुर। चुनावी साल में छत्तीसगढ़ बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता नंदकुमार साय आज कांग्रेस के शामिल हो गए। सोमवार को सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की मौजूदगी में साय ने कांग्रेस की सदस्यता ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं अटल बिहारी वाजपेई को फॉलो करता हूं। मगर भाजपा अब वैसी पार्टी नहीं रही, जैसी अटल जी के समय थी।

नंदकुमार साय ने रविवार को ही भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई। हालांकि, देर शाम पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि हम उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच साय का मोबाइल नंबर स्विच ऑफ था। बताया जाता है कि साय को कड़ी सुरक्षा के बीच मेफेयर में रखा गया था। साय ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि मेरी गरिमा को लगातार ठेस पहुंचाई जा रही है, जिससे मैं आहत महसूस कर रहा हूं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार सुबह नंदकुमार साय का राजीव भवन में स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, "नंदकुमार साय जाना-पहचाना चेहरा है। तीन बार के विधायक और पांच के बार सांसद रहे। भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा नंदकुमार साय का जीवन सादगीपूर्ण रहा है। साय ने पूरा जीवन आदिवासियों के लिए समर्पित किया। आदिवासी हितों के लिए लड़ते हैं, मीडिया में कांग्रेस की प्रशंसा करते रहे। बहुत ही निश्चल मन के व्यक्ति हैं साय। कांग्रेस की नीति और सिद्धांत पर उन्होंने भरोसा जताया।"

इस दौरान नंदकुमार साय ने कहा कि, "यह मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय रहा है। मैं शुरुआती दौर से भाजपा का सदस्य रहा हूँ, जनसंघ से जुड़ा रहा हूँ। मैंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया है। स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम किया है। मैं संस्कृत और साहित्य का विद्यार्थी रहा हूँ। मैं अटल और राजमाता विजयाराजे सिंधिया, लाल कृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज को फॉलो करता रहा हूँ, लेकिन आज भाजपा वैसी पार्टी नहीं, जैसी पहले थी।"

साय ने आगे कहा, "केंद्र में भाजपा की सरकार जरूर है, लेकिन पार्टी अब पहले की तरह नहीं है। भूपेश सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। धरातल पर भूपेश सरकार काम कर रही है। सरकार ने कृषि आधारित सेक्टर पर काम किया है। सरकार ने जैसा नारा दिया उस पर काम किया। नरवा-गरवा, घुरवा-बारी योजना कारगर नजर आती है।"

नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ भाजपा के एक बड़े आदिवासी चेहरा रहे हैं। साय तीन बार विधायक रह चुके हैं। वहीं तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक अविभाजित मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रमुख रह चुके हैं। नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने।

चुनावी साल में साय के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बीजेपी में खलबली मच गई है। बीजेपी में अन्य नेताओं के भी इस्तीफे की भी संभावना है। माना जा रहा है कि साय के कांग्रेस में शामिल होने के बाद छत्तीसगढ़ में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही बीजेपी को आदिवासी क्षेत्रों में बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।