अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, कोरोना मरीज की मौत के बाद परिजनों को सूचना नहीं देने का आरोप,

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती कोरोना मरीज की मौत, परिजनों को खबर किए बिना शव को मर्चुरी में रखा, बेटे ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप, कहा रोज खाना देने आता था कर्मचारी कहते रहे ठीक हैं पिता

Updated: May 04, 2021, 09:59 AM IST

Photo courtesy: janta se rishta
Photo courtesy: janta se rishta

अंबिकापुर। जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर कोरोना मरीज को लेकर लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती मरीज की मौत के दो दिन तक परिजनों को उसकी खबर नहीं दी गई। बिना किसी को बताए मरीज का शव अस्पताल की मर्चुरी में रखवा दिया। इतना ही नहीं जब बुजुर्ग का बेटा अस्पताल में टिफिन देने आता तो वार्ड ब्याय उससे टिफिन तो ले लेता और पिता को खाना खिलाने का आश्वासन देता रहता। लेकिन यह नहीं बताया कि उनके पिता की मौत हो गई है।

दरअसल सूरजपुर जिले के सतपता गांव के निवासी पारस राजवाड़े की तबीयत अचानक खराब होने पर उनका बेटा उन्हें 20 अप्रैल को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल दिखाने लाया था। जहां जांच में उनके पिता कोरोना पॉजिटिव मिले थे। जिसके बाद उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया था। ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उन्हें ICU में शिफ्ट कर दिया गया। जहां किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। उनका बेटा वार्ड के बाहर से ही खाने का टिफिन देकर चला जाता था। अस्पताल कर्मचारी भी बुजुर्ग के बेटे को खाना पहुंचाने के लिए आश्वस्त करते रहे।

वहीं रविवार को इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत हो गई। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों को खबर नहीं दी, बल्कि शव को मर्चुरी में रखवा दिया। इस दौरान भी बेटा खाना लेकर आया। और कर्मचारी को देकर चला गया। वहीं दो दिन से पिता के फोन पर भी  बात नही हो रही थी, उनका फोन स्वीच ऑफ आय़ा तो बेटे को उनकी चिंता हुई। अगले दिन अस्पताल पहुंचा बेटा पीपीई किट पहनकर जबरन ICU में पहुंचा, जब पूरे वार्ड में देखा तो उनके पिता नहीं मिले। जब अस्पताल प्रबंधन से पूछा तब पता चला कि उनके पिता की रविवार को ही मौत हो गई है। इस घटना से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।

 बेटे का आरोप है कि पिता को अस्पताल में भर्ती करवाते समय उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी दिया था, लेकिन फिर भी अस्पताल प्रबंधन ने उनके पिता की मौत की कोई खबर नहीं दी। उनके ठीक होने का झूठा आश्वासन देते रहे।

बेटे का आरोप है कि वह दिन में दो-तीन बार अस्पताल आता था। पिता के लिए खाना, नाश्ता ICU के बाहर देकर जाता था। लेकिन किसी ने उसे यह बताने की जहमत नहीं उठाई कि उनके मरीज की मौत हो गई है। बेटे को पिता का कोई अपडेट नहीं मिलने बर बेटे ने खुद अपनी जान का जोखिम लिया और वार्ड में पीपीई किट पहनकर पिता की खोज की तब पूरा किस्सा उजागर हुआ। इश मामले में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक मामले की जांच के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कह रह हैं। पिता की असमय मौत से बेटे का रो रोकर बुरा हाल है। वह सिस्टम को कोस रहा है, उसका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने उनके पिता की जान ले ली।

वहीं पूरा मामला उजागर होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन का मन नहीं भरा तो उन्होंने बुजुर्ग का शव देने के लिए कई घंटों का इंतजार करवाया।  

 गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में बीते 24 घंटों में कोरोना के 15,274 नए मरीज मिले हैं। वहीं 14,376 मरीज़ों ने कोरोना को मात दी है। वहीं कुल 266 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। जिसके बाद कोरोना से मरने वालों का कुल आंकड़ा 9275 हो गया है। रायपुर में 1102, बिलासपुर में 1014 नए कोरोना मरीज मिले हैं।