ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे लोगों को झटका, RBI ने नहीं किया रेपो रेट में कोई बदलाव
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिन के विचार-विमर्श के बाद एमपीसी के फैसले की घोषणा करते हुए गुरुवार को कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखने का फैसला किया है।
 
                                    नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज नई मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। नई मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे लोगों को आरबीआई ने एक बार फिर झटका दिया है। रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इस फैसले के बाद आम लोगों कि जेब पर EMI का बोझ बरकरार रहेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिन के विचार-विमर्श के बाद एमपीसी के फैसले की घोषणा करते हुए गुरुवार को कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखने का फैसला किया है। दास ने कहा कि एमपीसी की बैठक छह, सात और आठ जून को हुई थी।
बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक हर दो महीने में एक बार होती है। आखिरी बार अप्रैल में हुई बैठक के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि देश की इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।
आरबीआई की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर आपके लोन की ईएमआई पर पड़ता है। इससे कॉस्ट ऑफ बोरोइंग यानी उधारी की लागत बढ़ जाता है।बैंक की ब्याज दरें प्रभावित होती है और इसका असर आपके होम लोनस कार लोन, पर्सनल लोन की ईएमआई पर पड़ता है। इसके पहले शक्तिकांत दास लगातार छह बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुके हैं।
क्या है रेपो रेट
जिस तरह बैंक हमें लोन देते हैं और उस लोन पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ती है। वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अरबों रुपए कर्ज लेते हैं। इस लोन पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। फिलहाल बैंकों से केंद्रीय बैंक 6.50 फीसदी सालाना ब्याज वसूल रही है।




 
                             
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								