जिरेनियम की खेती से लाखों कमा रहा ये किसान, 1 लीटर तेल के मिलते हैं 14 हजार रुपए

गुजरात के बनासकांठा के किसान श्रीकांतभाई पंचाल ने 7 बीघा जमीन में लगाए हैं जिरेनियम के पौधे, फूलों से तेल निकालने का प्लांट भी लगाया

Updated: Jun 05, 2021, 06:32 AM IST

Photo Courtesy: News18
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बनासकांठा। हीरे के कारोबार में धाक जमाने के बाद गुजरात के लोग अब खेती में भी अपना दम दिखा रहे हैं। अंगूर, सेब, अनार और खजूर की खेती के बाद गुजरात में अब जिरेनियम की खेती जोरों से कक जा रही है। बनासकांठा जिले का एक किसान 7 बीघा जमीन में जिरेनियम के पौधे लगाकर लाखों रुपए कमा रहा है। किसान ने जिरेनियम के फूल से तेल निकालने के लिए प्लांट भी लगाया है।

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बनासकांठा जिले के डीसा तहसील के भोयन गांव के किसान श्रीकांतभाई पंचाल ने जब अपने 7 बीघा जमीन में जिरेनियम के पौधे लगाए तो सभी लोग हैरत में पड़ गए। श्रीकांत के मुताबिक शुरुआत में उन्हें इस खेती में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा, लेकिन जब नतीजे आने लगे तो उन्हें काफी सुकून मिला। उन्होंने प्लांट लगाकर जिरेनियम के फूलों से तेल निकालना शुरू कर दिया है और अब उन्हें महज 1 लीटर तेल के 14 हजार रुपए मिलते हैं।

क्या है जिरेनियम

जिरेनियम एक सुगंधित पौधा है। जिरेनियम के तेल में गुलाब जैसी खुशबू आती है, इसीलिए इसे गरीबों का गुलाब भी कहा जाता है। औषधीय गुणों के कारण जिरेनियम तेल की बाजार में भारी डिमांड है। इसके तेल से अल्जाइमर और तंत्रिका विकारों का इलाज किया जाता है। साथ ही मुंहासों, सुजन और एक्जिमा में भी इसका प्रयोग किया जाता है। बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने में कारगर माने जाने वाले इस तेल का उपयोग मांशपेशियों, त्वचा, बाल और दांतो को होने वाले नुकसान में भी इस्‍तेमाल किया जाता है।

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जिरेनियम के तेल का उपयोग एरोमाथेरेपी, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र और सुगंधित साबुन बनाने में भी किया जाता है। इसकी खेती ज्यादातर विदेश में होती है। भारत में इसके तेल की कीमत करीब 12 हजार से लेकर 20 हजार रुपये प्रति लिटर तक है। खास बात यह है की सरकार भी जिरेनियम की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी देती है। मार्केट में इस तेल की ज्यादा खपत होने के कारण यह आसानी से बिक भी जाता है।