आसमान छू रही हैं भारतीय इलायची की कीमतें, कम बारिश और गर्मी के कारण उत्पादन में आई गिरावट

भारत में इलायची मुख्य रूप से केरल में उगाई जाती है। पिछले साल जहां भारी बारिश के कारण इलायची की फसल बर्बाद हो गई थी। वहीं, इस बार कम बारिश के कारण इलायची की पैदावार प्रभावित हुई है।

Updated: Aug 17, 2023, 03:38 PM IST

कोच्चि। पिछले कुछ समय में भारत में इलायची की कीमतों में भारी उछाल आया है। बताया जा रहा है कि कम बारिश और गर्मी के कारण इस साल भी इलायची के उत्पादन में भारी गिरावट आई है। कम उत्पादन और अत्यधिक डिमांड के कारण इलायची की कीमतें आसमान छू रही हैं।

भारत में इलायची का मुख्य रूप से उत्पादन सीमावर्ती राज्य केरल में होता है। केरल की इलायची देश ही नहीं विदेशों में भी सप्लाई की जाती है। इस साल कम बारिश के कारण इलायची के उत्पादन में कमी आई है। यही कारण है कि इलायची के भाव देश भर में लगातार बढ़ रहे हैं। इससे पहले साल 2022 में अत्यधिक बारिश ने इलायची की फसल को नुकसान पहुंचाया था। वहीं इस बार कम बारिश और तेज गर्मी के कारण फसल को नुकसान हुआ है। 

थोक बाजरा में इलायची की कीमतें पहले की तुलना में दोगुनी होकर लगभग 2,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। प्रीमियम और अच्छी गुणवत्ता वाली इलायची की कीमत तो लगभग 3,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। 2019 में इलायची की कीमतें रिकॉर्ड स्तर 4,000 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गईं थीं। उस समय मानसून की बारिश नहीं हुई थी जिससे अधिकतम कीमत 7,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई थीं। अब फिर से इलायची की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल के इडुक्की जिले के मुख्य उत्पादक क्षेत्र में इलायची के पौधे बारिश नहीं होने के कारण कमजोर हो चुके हैं। इलायची उत्पादक किसान केएस मैथ्यू ने मीडिया से कहा कि, "अगर अगले 15 दिनों में बारिश होती है, तो पौधों में जान आ सकती है लेकिन उत्पादन फिर भी कम ही होगा। मौजूदा परिस्थितियों को देखकर लगता है कि अगले सीज़न का उत्पादन कम होने पर कीमतें फिर अपने रिकॉर्ड स्तर के आसपास हो जाएंगी।"

वंदनमेडु ग्रीन गोल्ड इलायची प्रोड्यूसर कंपनी  के एमडी केके ससींद्र बाबू ने कहा कि देश में कुल इलायची उत्पादन पिछले साल के 25,000 टन से घटकर लगभग 15,000 टन रह सकता है। हमारे पास कैरीओवर स्टॉक भी कम है जिस कारण इलायची की कीमतें आसमान छू रही हैं। सितंबर के बाद त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ भाव में और तेजी आएगी। चूंकि, आमतौर पर सबसे ज्यादा घरेलू बिक्री दुर्गा पूजा-दिवाली सीजन के दौरान होती है। 

2019 में कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद से इलायची की खेती इडुक्की जिले के साथ-साथ तमिलनाडु में भी की जाने लगी है। कम उत्पादन के कारण दुनिया का सबसे बड़ा इलायची उत्पादक देश ग्वाटेमाला की इलायची भारतीय बाजार में सप्लाई की जा सकती है। ग्वाटेमाला की फसल आमतौर पर अक्टूबर के आसपास आना शुरू होती है। 

ग्वाटेमाला की इलायची के कारण पिछले साल भारत के इलायची निर्यात में भी गिरावट आई थी। 2022-23 में इलायची के निर्यात में मात्रा में 30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,352 टन और कमाई में साल-दर-साल 36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 875 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई। 2021-22 में इलायची का निर्यात 1,375 करोड़ रुपये मूल्य के 10,572 टन के नए स्तर पर पहुंच गया था।