कोरोना काल में मन के तनाव और तकलीफ को दूर करेगा मेडिटेशन
मन को किसी बिंदु पर एकाग्र करें और उसी में लीन हो जाएं, मेडिटेशन के लिए सूर्योदय से पहले का समय सबसे अच्छा माना जाता है, वहीं रात में खाने से पहले भी ध्यान किया जा सकता है

कोरोना महामारी के दौर में हर उम्र का इंसान किसी ना किसी परेशानी से जूझ रहा है, कहीं कोरोना की वजह से लोगों के बिछड़ने का गम, तो किसी तो नौकरी छूट जाने का डर, वहीं कई लोगों में अकेलेपन की वजह से तनाव है। लोगों का चैन और रातों की नींद गायब हो गई है। लोग चाहकर भी लोगों के मन में शांति नहीं है। ऐसे में मेडिटेशन याने ध्यान कारगर साबित होता है, मेडिटेशन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को फायदा होता है। यह दोनों के लिए कारगर तरीका है।
कोई भी महिला पुरुष यहां तक की बच्चे भी मेडिटेश कर सकते हैं। इसमें उम्र का कोई बंधन नहीं है। अगर हम मन को किसी बिंदु ,व्यक्ति या किसी चीज पर एकाग्र करें और उसी में लीन हो जाएं यही मेडिटेशन है।
कोरोना महामारी के दौर में दुनिया एक अदृश्य दुश्मन से लड़ाई लड़ रही है, इस दौर में दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो गई है। वहीं हजारों करोड़ों लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है। इस कठिन दौर में मन और मस्तिष्क का शरीर से संतुलन बहुत जरूरी है। शरीर और दिमाग को शांत रखना और तनाव को दूर रखने में मेडिटेशन काफी अहम भूमिका अदा करता है।
जानकारों की मानें तो खुद से जुड़ने की शक्ति हमारे मेंटल और फिजिकल हेल्थ को बेहतर करने में मददगार साबित होती है। वैसे जब कोई पहली बार ध्यान करने बैठता है, तो ध्यान केंद्रित करना बेहद मुश्किल होता है। क्योंकि मन कंट्रोल में नहीं रहता है, भटकता रहता है और कई बार बेकाबू होकर रास्ते से भटक जाते हैं।
ऐसे विचारों को नज़रअंदाज़ नहीं करें, बल्की उन्हें स्वीकार करें। ध्यान भटकने के बावजूद ध्यान केंद्रित करने में जुटे रहना चाहिए। शुरुआती दौर में छोटे टारगेट बनाएं, आपकी शुरुआत तीन या पांच मिनट से कर सकते हैं। मेडिटेश धीरे-धीरे, प्रैक्टिस से हो पाएगा।
कई लोग ध्यान केंद्रित करने के लिए एक निश्चित गाइडलाइन फॉलो करते हैं। मन को सुखद स्मृतियों की ओर ले जाते हैं। मेडिटेशन से ओवरऑल डवलपमेंट होता है, यह सेल्फ अवेयरनेस में हेल्पफुल है। अगर आप किसी फोटो या चित्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो भी आपका अभ्यास अच्छा होता जाता है।
इसके लिए आप किसी चित्र की कल्पना करें फिर मन ही मन उसमें अपना पसंदीदा रंग से भरें और आकृति के केंद्र से माथे के केंद्र को छूने वाली किरण की कल्पना करें। यह प्रैक्टिस सभी विचारों को समेटने और में मददगार साबित होती है। इससे ध्यान भटकता नहीं और आप अपना मेडिटेशन का समय धीरे-धीरे बढ़ाकर तनाव दूर कर सकते हैं।
मेडिटेशन तनाव को कम करने में मदद करता है। इसे नियमित तौर पर करने से चिंता खत्म होती है, सेल्फ अवेयरनेस आती है, नींद अच्छी आती है, यह बुरी आदतों को छोड़ने में भी कारगर होता है। मेडिटेशन करने से चिंता के लक्षण कम होते चले जाते हैं। अगर आपको किसी चीज का फोबिया और घबड़ाहट है तो वह भी कंट्रोल की जा सकती है। मेडिटेशन चिंता को दूर करने में मददगार होता है। मेडिटेशन से मन की शांति मिलती है।