हर नागरिक की मेंटल हेल्थ स्क्रीनिंग जरूरी, ताकि समस्या बढ़ने से पहले निकाला जा सके समाधान: डा. एसके त्रिवेदी

कोरोना से उपजी मानसिक समस्याओं के निदान के लिए शुरू होगा राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, देशभर के विशेषज्ञों ने किया स्वागत, 23 टेली-मेंटल हेल्थ सेंटर्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज के साथ मिलकर करेंगे काम, आम बजट में की गई है घोषणा

Updated: Feb 01, 2022, 03:14 PM IST

Photo Courtesy: pillarsofwellness
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कोरोना काल में लोगों की मेंटल हेल्थ पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ा है। यही वजह है कि अब देश में नागरिकों की मेंटल हेल्थ को लेकर नए प्रयास किए जा रहे हैं। देश में नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी के लिए गुणवत्ता, मानकीकृत और फ्री 24x7 मेंटल हेल्थ सर्विसेज की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। यह कार्यक्रम देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचने में एक बड़े अंतर को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर्स का बनेगा नेटवर्क

राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में 23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर्स का एक नेटवर्क तैयार किया जाएगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) इसका नोडल सेंटर होगा। मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में रोगियों की देखभाल और अकादमिक खोज के लिए एक मेडिकल इंस्टीट्यूट है। NIMHANS बैंगलोर में स्थित है। इसे तकनीकी सहयोग IIT बैंगलोर की ओर से मिलेगा।

मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। मध्यप्रदेश के जाने माने मनोचिकित्सक डॉक्टर एसके त्रिवेदी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उठाया गया कदम बेहद सराहनीय है। मानसिक स्वास्थ्य किसी भी देश की उत्पादकता को सीधा-सीधा प्रभावित करता है। 5 साल पहले हुए एक राष्ट्रीय सर्वे के अनुसार देश की वयस्क जनसंख्या के करीब 15 प्रतिशत लोगों को मानसिक रोग सलाहकार की आवश्यकता है। मानसिक रोगों की बात करें तो पोस्ट कोविड लगभग 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें ट्रीटमेंट गैप भी काफी है। ऐसे में देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत बनाने के लिए बड़े बजट की आवश्यकता थी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसका क्रियान्वयन भी बेहतर तरीके से किया जाएगा।

वहीं डॉक्टर संदीप सोनी, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट एंड क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, पटना का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद लोगों की मानसिक समस्याएं बढ़ी हैं। लोगों में चिंता, अवसाद, भविष्य को लेकर डर, कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने का भय भी काफी परेशान कर रहा है। ऐसी स्थिति में मरीजों की बात ठीक से सुनने और उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने से समस्या को कम किया जा सकता है। राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से मरीजों को उचित इलाज का मौका मिलेगा।

कोरोना पीड़ित और रिकवर हो चुके मरीजों को मिलेगी मदद

दरअसल वैज्ञानिक प्रमाणों से इस बात की पुष्टि हुई की है कि कोरोना ने लोगों की मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव डाला है। इस महामारी के दौरान मरीजों में डिप्रेशन, चिंता और तनाव देखने को मिला है। वहीं कोरोना से रिकवर हो चुके मरीज भी ब्रेन फॉग का सामना करते हैं। ब्रेन फॉग में मरीज को छोटी-छोटी बातें भी याद रखना मुश्किल होता है। अक्सर यह परेशानी कैंसर के बाद कीमोथेरेपी, मीनोपॉज, डिप्रेशन, क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम और प्रेग्नेंसी के दौरान देखने को मिलता थी, जो कि अब कोरोना मरीजों में भी दिखाई दे रही है। मरीजों की सोचने और समझने की क्षमता पर भी काफी हद तक असर पड़ा है। कई मरीजों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी देखने को मिले हैं। ऐसे मरीजों की मदद के लिए इस विशेष टेली-परामर्श सेवा की शुरूआत हो रही है।

मानसिक परेशानी से जूझ रहे लोगों की होगी काउंसलिंग

राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए हर उम्र के लोगों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का हल किया जाएगा। इसके जरिए लोगों को क्वालिटी मेंटल हेल्थ काउंसलिंग और देखभाल की सुविधा मिलेगी। मेंटल हेल्थ से जुड़ी सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए, एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

मानसिक स्वास्थ्य को जन सुलभ बनाने की तरफ महत्वपूर्ण कदम

इस साल के प्रस्तावित राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से बड़े पैमाने पर व्यक्तियों, परिवारों और समाज के मेंटल और इमोश्नल हेल्थ में सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम होगा। 2020 के बाद से कोरोना महामारी की वजह से जाने-अनजाने लोगों की मेंटल हेल्थ पर प्रभाव देखा गया है। यह केवल शहरों में ही नहीं बल्कि देश के छोटे शहरों में देखने को मिल रहा है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और जन सुलभ बनाने की जरूरत है

नौकरी, परिवार और सेहत की वजह से तनाव में हैं लोग

कोरोना महामारी की वजह से लोगों को कई तरह कि परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इसमें कोरोना की वजह से नौकरी छूटना, लोगों की सोशल लाइफ का लगभग खत्म होना, लोगे से संपर्क की कमी, चिंता समेत कई ऐसी वजह है जिनके कारण लोगों की मेंटल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें बढ़ी हैं। अब इन्हीं परेशानियों का समाधान टेली-परामर्श सेवा से मिल सकेगा।