क्या उम्र वाक़ई ठहर जाएगी, क्या बूढ़े फिर हो जाएंगे जवान

Dr David Sinclair: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को चूहों की आंखों पर पड़ने वाले उम्र के असर को उलटने में मिली सफलता, चूहों में बढ़ती उम्र के साथ होने वाला अंधापन हुआ ठीक

Updated: Dec 05, 2020, 11:56 PM IST

Photo Courtesy: youtube
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क्या वो दिन वाकई करीब है जब इंसान की उम्र ठहर जाएगी? जब बूढ़े फिर से हो जाएंगे जवान? कुछ वैज्ञानिकों की ताज़ा रिसर्च ने इस नामुमकिन सी लगने वाली कल्पना को मुमकिन में बदलने का रास्ता खोल दिया है। दरअसल,  हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड ए सिनक्लेयर और उनकी टीम ने चूहों की आंखों में मौजूद जीन की एजिंग को रिवर्स करने में सफलता पाई है। इस तरह वे चूहे की आंखों की खो चुकी रोशनी को वापस लाने में कामयाब रहे हैं। आसान शब्दों में कहें तो उन्होंने चूहे की बुजुर्ग हो चुकी आंखों को एक बार फिर से जवान बना दिया है। और अगर चूहों के मामले में ऐसा किया जा सकता है, तो वो दिन दूर नहीं जब इंसानों के लिए भी यह चमत्कार एक नई वैज्ञानिक उपलब्धि बन जाएगा।

डॉक्टर सिनक्लेयर का कहना है कि एजिंग को हमेशा के लिए नहीं रोका जा सकता, लेकिन कुछ तरीकों को अपनाकर एंजिंग की प्रक्रिया स्लो की जा सकती है। इससे इंसान का जीवन 5-10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। हॉवर्ड मेडिकल स्कूल के सेंटर फॉर बायोलॉजी ऑफ एजिंग रिसर्च के डायरेक्टर डॉक्टर सिनक्लेयर का मानना है बुढ़ापे को अपरिहार्य मान लेना ठीक नहीं है। प्रोफेसर सिनक्लेयर का मानना है कि अगर अगले 30 साल में बुढ़ापा रोकने के लिए गोली या वैक्सीन आना जरूरी है नहीं तो बहुत समस्याएं आ सकती हैं।

चूहों पर मिली इस सफलता से इंसान की उम्र संबंधी कई परेशानियों और बीमारियों का इलाज संभव हो सकेगा। यह रिसर्च इसके लिए एक मजबूत बेस तैयार करने का काम कर सकता है। जर्नल ‘नेचर’ में छपी ‘परिकल्पना का साक्ष्य’ शोध चूहों में बढ़ती उम्र के साथ होने वाले अंधेपन को सफलतापूर्वक ठीक किया गया है। कई बार चूहों को भी इंसानों जैसे मोतियाबिंद जैसी बीमारी हो जाती है। जिससे उम्र बढ़ने पर उन्हें दिखना बंद हो जाता है। आपको बता दें कि दुनिया में मोतियाबिंद से बहुत से लोग आंखों की रोशनी छिन जाती है।  

डाक्टर सिनक्लेयर का मानना है कि उनके रिसर्च से रेटीना जैसे काम्प्लेक्स टिशू को सुरक्षित तरीके से स्वस्थ्य और नया बनाया जा सकता है। अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में जेनेटिक्स के प्रोफेसर और इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डेविड सिन्क्लेर ने कहा कि ‘हमारा अध्ययन यह प्रदर्शित करता है कि रेटिना जैसे जटिल उत्तकों की उम्र को सुरक्षित तरीके से पीछे ले जाना और उनके युवावस्था के जैविक कामकाज को फिर से बहाल करना संभव है।’

शोधकर्ताओं का मानना है कि उनके रिसर्च से इंसानों में उम्र संबंधी बीमारियों के इलाज के नए तरीके खोजे जा सकेंगे। गौरतलब है कि स्टड़ी के दौरान वैज्ञानिकों ने एक एडीनो-एसोसिएटेड वायरस (एएवी) को एक वाहक के तौर पर चूहे के रेटिना में तीन युवावस्था बहाल करने वाले जीन – ऑक्ट4, एसओएक्स2 और केएलएफ4- की सप्लाई लिये उपयोग किया।  यह आमतौर पर भ्रूण के विकास के दौरान एक्टिंव होता है। प्रोफेसर डेविड सिन्क्लेर ने बताया कि ये तीनों जीन, एक चौथे जीन के साथ सामूहिक तौर पर ‘यामानाका’ कारक के तौर पर जाने जाता है। चौथे जीन का इस अध्ययन में इस्तेमाल नहीं किया गया था।

डॉक्टर डेविड ए सिनक्लेयर ने बढ़ती उम्र को रोकने के कुछ प्राकृतिक नुस्खे भी बताए। उनका कहना है कि दिन में तीन बार नियमित भोजन ना लें। सुबह, दोपहर और रात में से किसी एक टाइम का खाना छोड़े दें। खूब एक्सरसाइज करें, एक्सरसाइज के दौरान ब्रीदिंग का खास ध्यान रखें। हमेशा जवान रहने के लिए हिप-हिंज एक्सरसाइज भी एक कारगर उपाय साबित हो सकती है।