गलवान संघर्ष में मारे गए सैनिक को चीन ने दिया सदी के हीरो का खिताब, हिंसा में मारे गए चीनी सैनिकों की हुई पुष्टि

चीन ने गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों को दिया वीरता पदक, अब तक सैनिकों के मरने की बात को नकारते आ रहा था चीन

Publish: Jun 01, 2021, 09:03 AM IST

Photo Courtesy: TRT World
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नई दिल्ली। गलवान संघर्ष को बीते एक साल होने को आ गया है। अब जाकर चीन ने औपचारिक तौर पर इस बात की पुष्टि की है कि पिछले साल जून के महीने में हुए खूनी संघर्ष के दौरान उसके सैनिक भी मारे गए थे। इस बात का खुलासा संघर्ष में मारे गए जवानों को वीरता पदक देने से हुआ है। चीन ने भारतीय सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में मारे गए अपने कुल चार सैनिकों को बहादुरी का पदक दिया है। इतना ही नहीं उसने इस संघर्ष में जान गंवाने वाले अपने एक सैनिक को सदी के हीरो का खिताब दिया है। 

शुक्रवार को चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने इन सैनिकों को अपने वीरता पदक से नवाजा है। मिलिट्री कमीशन ने मृतक सैनिकों को फर्स्ट क्लास मेरिट सायटेशन और मानद की उपाधि दी है। जबकि संघर्ष के दौरान मारे गए एक सैनिक चेन हाऊंगजुन को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने सदी के हीरो का खिताब दिया है। जवान को सदी के हीरो का खिताब दिए जाने से इस बात का पता चलता है कि आखिर चीन ने गलवान घाटी में हुए इस संघर्ष को कितनी गंभीरता से लिया है। 

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चीन के इतिहास में सदी के हीरो का खिताब अब तक कुल 29 लोगों को दिया गया है। जिसमें चीन के ऐसे नागरिक हैं, जिन्होंने पिछले सौ वर्षों के दौरान कोरियाई युद्ध, जापान से हुए युद्ध और चीन की सीमाओं की सुरक्षा करते अपनी जान गंवाई है।

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लेकिन इन सबके बीच एक अहम बात यह है कि चीन ने कहीं भी यह सीधे तौर पर यह नहीं स्वीकारा है कि जिन सैनिकों को पदक दिया जा रहा है, वे गलवान में भारत के साथ हुए संघर्ष में शहीद हुए थे। चीन ने यही कहा है कि जून महीने में सीमा को लेकर हुए एक विवाद के दौरान इन सैनिकों की जान चली गई थी। 

चीन का यह भी कहना है कि उस दौरान कुल चार सैनिकों की मौत हुई थी और एक सैनिक घायल हुआ था। जबकि भारतीय मीडिया सहित तमाम अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस बात का दावा किया गया था कि उस खूनी संघर्ष में चीन के कम से कम 45 जवान मारे गए थे।

पिछले साल 15-16 जून की दमियानी रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों में भिड़ंत हुई थी। हालांकि इस दौरान गोली नहीं चली, लेकिन भारत के 20 सैनिक वीर गति को प्राप्त हो गए। भारत सरकार ने संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों में से कुल 6 सैनिकों को वीरता पदक दिए थे।