तुर्की और सीरिया में मौतों का आंकड़ा 15 हजार के पार, सीरिया में 3 लाख लोग बेघर

तुर्की में आए भूकंप में 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि सीरिया में मृतकों की संख्या बढ़कर 3400 के पार हो गई है। राहत और बचाव का काम जारी है।

Updated: Feb 09, 2023, 05:29 AM IST

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई है। AFP न्यूज के मुताबिक, दोनों देशों में मरने वालों की संख्या 15 हजार से ज्यादा हो गई है। जबकि घायलों की संख्या 60 हजार के करीब हो गई है। तुर्की में आए भूकंप में 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि सीरिया में मृतकों की संख्या बढ़कर 3400 के पार हो गई है। अकेले सीरिया में 3 लाख लोग बेघर हो गए हैं। 

तुर्की सरकार को लेकर लोगों के बढ़ते गुस्से के बाद राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने स्वीकार किया कि भूकंप के बाद उनकी सरकार की शुरुआती प्रतिक्रियाओं में कमियां थीं। दरअसल, भूकंप के बाद कई ईलाकों में लोगों ने बचावकर्मियों के देर से पहुंचने के साथ ही समय पर राहत समग्री नहीं मिलने की शिकायत की थी और सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए थे। हालांकि, राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि सभी लोगों की मदद के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है और देश में कोई भी बेघर नहीं रहेगा।

इस बीच तुर्की में ट्विटर को ब्लॉक कर दिया गया है। दरअसल, तुर्की सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार के खिलाफ एक बिल पास किया था। इसके तहत यदि सोशल मीडिया कंपनियां तुर्की से जुड़ी गलत जानकारी अपनी साइट से नहीं हटाती हैं, तो उनपर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। देश में आपत्तिजनक पोस्ट के लिए अब तक 18 लोगों को हिरासत में लिया है और 5 को गिरफ्तार किया गया है।

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तुर्की में भूकंप के कारण हजारों इमारतें ढह गईं हैं। अज्ञात संख्या में लोग अभी भी फंसे हुए हैं। राहत कार्यों को कड़ाके की ठंड ने भी बाधित किया है। लोग असहाय होकर मदद मांग रहे हैं, मगर मदद नहीं मिल पा रही है। यह भूकंप इस सदी के सबसे घातक भूकंपों में से एक है। भूकंप से बचे लोगों को भोजन और आश्रय पाने के लिए तुर्की में संघर्ष करना पड़ रहा है। भूकंप को आए 72 घंटे समय हो चुका है। आपदा विशेषज्ञों के अनुसार, इसके बाद जान बचना बेहद मुश्किल होता है। फिर भी, बुधवार को, बचावकर्ताओं ने तुर्की के हटे प्रांत में एक ढही हुई इमारत के नीचे से बच्चों को निकाला।

मदद के लिए WHO और UN समेत दुनियाभर के 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने कहा है कि उसके पास सीरिया में एक हफ्ते के लिए लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त खाना है। भारत भी 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद भेज रहा है। दरअसल, टर्किश और हिंदी भाषा में 'दोस्त' शब्द का इस्तेमाल होता है, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम दोस्त रखा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF टीमों के साथ गरुड़ एरोस्पेस कंपनी के ड्रोन भी भेजे गए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि तुर्की में भूकंप आने के बाद से ही एक भारतीय नागरिक लापता है। साथ ही तुर्की के दूर-दराज के इलाकों में 10 भारतीय फंसे हुए हैं। इन्हें रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।