क्या अमेरिका में लोकतंत्र ख़तरे में है, ट्रंप के हाल के फ़ैसलों ने बढ़ाई आशंका

Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा मंत्री मार्क एस्पर समेत रक्षा मंत्रालय के कई बड़े अफसरों को हटाकर अपने खास वफादारों को तैनात किया, ट्रंप के सत्ता पर जबरन कब्ज़ा बनाए रखने की आशंका बढ़ी

Updated: Nov 12, 2020, 03:50 PM IST

Photo Courtesy: Indian Express
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वॉशिंगटन। क्या अमेरिका में लोकतंत्र ख़तरे में है? क्या राष्ट्रपति चुनाव हार चुके डोनाल्ड ट्रंप किसी भी तरह से सत्ता पर जबरन क़ब्ज़ा बनाए रखने की तैयारी में जुटे हैं? ऐसे सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्यों ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में हुई अपनी हार को अब तक स्वीकार नहीं किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने रक्षा मंत्रालय के अहम पदों पर ऐसे बदलाव किए हैं, जिनसे उनके इरादों को लेकर शक ज़ाहिर किया जाने लगा है।

दरअसल ट्रंप ने हाल ही में न सिर्फ़ रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को उनके पद से हटा दिया, बल्कि रक्षा मंत्रालय में कई और भी शीर्ष अफ़सरों की छुट्टी करके वहाँ अपने ख़ास वफ़ादारों को तैनात कर रहे हैं। एस्‍पर के हटाए जाने के बाद से कम से कम चार और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी निकाला जा चुका है। एक कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर उनके यह सब करने का कोई औचित्य जानकारों को समझ नहीं आ रहा। इस बीच अमेरिका के निवर्तमान विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने ये बयान देकर और भी खलबली मचा दी है कि ट्रंप प्रशासन अपना दूसरा कार्यकाल जल्द ही शुरू करेगा।

तख्तापलट की सुगबुगाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भतीजी मैरी ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति-चुनाव में जो बाइडन वैध और निर्णायक रूप से जीते हैं। डोनाल्ड ट्रंप अपनी जीत दिखाने के लिए कितना भी झूठ क्यूं न बोलें या फिर स्पिन करें लेकिन अब चुनाव नतीजों को बदला नहीं जा सकता है। सतर्क रहें - यह एक तख्तापलट की कोशिश है।

आपको बता दें कि ट्रंप की भतीजी राजनीतिक तौर पर उनकी सोच का लगातार विरोध करती रहती हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने अब दो ही विकल्प बचे हैं - या तो वह गरिमापूर्ण तरीके से हार स्वीकार कर लें या ऐसा नहीं करने पर राष्ट्रपति के पद से जबरन हटाए जाएं।

अमेरिका के जाने माने समाज वैज्ञानिक और एक्टिविस्ट प्रोफ़ेसर टिमोथी स्नाइडर मानते हैं कि ट्रंप की तरफ़ से तख्ता पलट की कोशिश की आशंका में दम है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि ट्रंप जो कुछ कर रहे हैं उसे तख्तापलट की कोशिश कहते हैं। उन्होंने ये चेतावनी भी दी है कि ये कोशिश अपने आप नाकाम नहीं हो जाएगी, बल्कि इसे नाकाम करना पड़ेगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति पर के चुनाव में जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। चुनाव में जो बाइडन ने जीत हासिल की और सत्ता बदलाव की अपनी योजना पर आगे काम भी करना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप अभी भी हार मानने को तैयार नहीं हैं। वे अब भी इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि अमेरिकी चुनाव में धांधली की गई है, लिहाजा वे चुनाव के नतीजों को नहीं मानते। 

बताया जा रहा है कि अब भी ट्रंप के कुछ करीबी सहयोगी उन्हें गरिमापूर्ण तरीके से हार स्वीकार करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगता है वे ऐसे सहयोगियों की बात मानने को फ़िलहाल तैयार नहीं हैं। दुनिया के सबसे ताकतवर देश में लोकतंत्र के ख़तरे में पड़ने की आशंका पूरे विश्व के लिए चिंता बढ़ाने वाली ख़बर है।