लंका में इमरजेंसी: PM हाउस पर जनता का कब्जा, सेना ने भी हथियार डाल दिए, भारत से दखल की मांग

श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं, राष्ट्रपति के बाद अब पीएम आवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है, नेशनल टीवी का लाइव प्रसारण भी रोक दिया गया है, उधर प्रदर्शनकारियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की मांग की है

Updated: Jul 13, 2022, 11:40 AM IST

कोलंबो। श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शन जारी है। राष्ट्रपति के बाद अब पीएम आवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है। देश में जारी बवाल के बीच राष्ट्रपति गोटबाया के मालदीव भागने की पुष्टि हो चुकी है। बुधवार को राजपक्षे के देश छोड़ने की खबर से श्रीलंकाइयों का गुस्सा भड़क गया है। राजधानी कोलंबो की सड़कों पर प्रदर्शनकारी जमकर उत्पात कर रहे हैं। लोगों के उग्र विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी का ऐलान किया है। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प हुई है।

श्रीलंकाई एयरफोर्स के मुताबिक राष्ट्रपति एक सैन्य विमान से मालदीव भेजा गया। हालांकि, इसके पहले खबर आई थी कि भारतीय नेवी ने उन्हें भागने में मदद की है। लेकिन भारत सरकार ने इसे सिरे से खारिज करते हुए दोहराया है कि हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं। गोटाबाया 8 जुलाई के बाद से कोलंबो में नहीं दिख रहे थे। वे मंगलवार यानी 12 जुलाई को नौसेना के जहाज से भागने की फिराक में थे, लेकिन पोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पासपोर्ट पर सील लगाने के लिए VIP सुईट में जाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं की राजपक्षे स्वयं भागे या उन्हें भगाया गया।

इसी बीच रनिल विक्रमसिंघे ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, ट्राइ-फोर्सेज कमांडरों और इंस्पेक्टर जनरल पुलिस (IGP) को मौजूदा हालात संभालने की जिम्मेदारी दी है। हालांकि, थोड़े देर के संघर्ष के बाद सेना ने भी हथियार डाल दिए। प्रदर्शनकारियों पर फिलहाल हेलिकॉप्टर से नजर रखी जा रही है। साथ ही भीड़ को काबू करने के लिए हवाई फायरिंग भी की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स में प्रदर्शनकारियों के नेशनल टीवी 'रूपवाहिनी' के स्टूडियो पर कब्जा का दावा किया गया था। हालांकि, बाद में प्रदर्शनकारियों ने एक बयान जारी कर रहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय टीवी पर कब्जा नहीं किया था। उन्होंने बताया कि वे अपना पक्ष रखने गए थे। श्रीलंका में बिगड़ते हालातों के बीच दुनियाभर की नजर भारत पर टिकी हुई है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि हम श्रीलंका के लोगों कि मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रदर्शनकारियों ने भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल दखल की मांग की है। हालांकि, भारत सरकार से वे आर्थिक सहायता के अलावा और क्या चाहते हैं ये स्पष्ट नहीं है। उधर भारतीय नौसेना के दर्जनों युद्धपोतों ने हिंद महासागर में तैनात किया गया है। श्रीलंका से लगे भारतीय समुद्री क्षेत्र में गस्ति बढ़ा दी गई है। साथ ही दक्षिण भारत में वायुसेना ने भी कई कार्गो और जंगी जहाजों को अलर्ट पर रखा है।