Lockdown एक गलती थी, मुस्लिम अत्‍याचार बंद हो

Publish: Jun 02, 2020, 01:01 AM IST

Photo courtesy : ichowk
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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। पीएम को लिखे अपने पत्र में उन्होंने देश भर में लॉक डाउन हटाने की मांग की है। और साथ ही देश भर में मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में कहते हुए उसे बंद करने की मांग की है।

गौरतलब है कि पूर्व चीफ जस्टिस मार्कंडेय काटजू अक्सर देश के विभिन्न मुद्दों और समस्याओं पर अपने विचार प्रकट करते रहते हैं। ऐसे में उन्होंने प्रधानमंत्री को अपनी मांगों को ज़ाहिर करने के साथ साथ प्रधानमंत्री से उनकी अपीलों पर अमल करने का अनुरोध किया है। मार्कंडेय काटजू ने मोदी को लिखे अपने पत्र में लॉकडाउन को भारी गलती बताते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। काटजू ने पत्र में लिखा है कि लॉकडाउन से पूरे देश की अर्थव्यवस्था ठहर चुकी है। ऐसे में इस गंभीर निर्णय को आनन फानन में लेने की बजाय तमाम विज्ञान, चिकतिसा, अर्थशास्त्र के क्षेत्रों के विशेषज्ञों से विमर्श करके उनके उचित परामर्श के बाद लेना चाहिए था। लॉकडाउन का फैसला अचानक से लेने की वजह से लोगों को तैयार होने का समय नहीं मिला। रात्रि के 8.30 बजे लॉकडाउन की घोषणा करने की वजह से लोगों को केवल साढ़े तीन घंटे ही मिले। काटजू ने प्रवासी मज़दूरों की व्यथा का ज़िक्र करते हुए लॉक डाउन ख़त्म करने की मांग की है। जिससे अर्थव्यवस्था बहाल हो सके और लोगों को आय का साधन प्राप्त हो सके।

इसके साथ ही पूर्व जस्टिस ने देश में मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर भी पीएम को नसीहत दी है। काटजू ने कहा है कि देश में मुसलमानों को खिलाफ हो रहे कथित अत्याचार को बंद करना चाहिए। अगर यह बंद न हुआ तो देश अलगाव के रास्ते पर बढ़ जाएगा।

मोदी को दी क्लीन चिट भी

पीएम को लिखे अपने पत्र में मार्कंडेय काटजू ने भ्रष्टाचार और ईमानदारी के मसले पर मोदी को क्लीन चिट दी है।काटजू ने पीएम को लिखा है कि आपकी नैतिकता के ऊपर मुझे कोई संदेह नहीं है, कोई भी व्यक्ति आपके ऊपर कोई निजी घोटाले का आरोप नहीं लगा सकता। काटजू ने लिखा कि देश की सेवा करने में आपकी इच्छा के ऊपर मुझे ज़रा भी शक नहीं है। देश की बड़ी समस्याओं को हल करना किसी एक व्यक्ति या राजनीतिक दल के बस की बात नहीं है।