गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने दी पाकिस्तान छोड़ने की धमकी

गूगल, फेसबुक और ट्विटर समेत कई बड़ी कंपनियां पाकिस्तान के नए डिजिटल कानून में बदलाव चाहती हैं

Updated: Nov 22, 2020, 12:38 AM IST

Photo Courtesy: Economic Times
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गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी बड़ी सोशल मीडिया और टेक्नॉलजी कंपनियों ने पाकिस्तान में कारोबार समेटने की धमकी दी है। दरअसल ये कंपनियां पाकिस्तान के नए डिजिटल कानून से परेशान हैं। इस नये कानून में पाकिस्तान ने इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री को लेकर कुछ कड़े नए नियम बनाए हैं, जिसमें उसने इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री को सेंसर करने की बात भी कही है।

इसी के बाद से गूगल, फेसबुक और ट्विटर समेत कई बड़ी कंपनियों ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन कंपनियों ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि अगर उसने नए डिजिटल कानून में बदलाव नहीं किया तो वे पाकिस्तान से अपना कारोबार समेट लेंगी। पाकिस्तान सरकार ने नए कानून के तहत पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटर अथॉरिटी को डिजिटल कंटेंट को सेंसर करने का अधिकार दे दिया है। इतना ही नहीं, इसमें नियम तोड़ने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाने की भी बात कही गई है। एशिया इंटरनेट एलायंस ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि ये नये कानून चिंताजनक हैं।

क्या है पाकिस्तान का नया कानून

पाकिस्तान के नए कानून में सोशल मीडिया कंपनियों और इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों को जांच एजेंसियों के मांगने पर हर तरह की जानकारी मुहैया करानी होगी। इसमें यह प्रावधान भी किया गया है कि सोशल मीडिया या इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों को आतंकवाद को बढ़ावा देने, अभद्र भाषा वाले, अश्लील या इस्लाम का अपमान करने वाले कंटेंट के प्रचार-प्रसार का दोषी पाए जाने पर 31 लाख डॉलर तक का जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही इंटरनेट और सोशल मीडिया कंपनियों को अपने ऑफिस पाकिस्तान में ही खोलने होंगे।

इमरान सरकार ने भले ही अपने अधिकारियों को इंटरने सामग्री को सेंसर करने और भारी-भरकम जुर्माना लगाने की इजाजत दे दी हो, लेकिन इसके बाद पाकिस्तान की चारों तरफ आलोचना हो रही है। गूगल, फेसबुक, ट्विटर जैसी कंपनियों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार का यह कदम अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के खिलाफ है।

हालांकि इन कंपनियों पर आपत्तिजनक या पक्षपातपूर्ण कंटेंट को बढ़ावा देने के आरोप सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं लग रहे हैं। अमेरिका समेत कई देशों में फेसबुक, ट्विटर ,गूगल जैसी कंपनियां तरह-तरह के आरोपों का सामना कर रही हैं। भारत में भी फेसबुक पर राजनीतिक पक्षपात करने और नफरत भड़काने वाले कंटेंट को जानबूझकर नहीं हटाने के आरोप लग चुके हैं। ट्विटर ने अमेरिका में लग रहे आरोपों के मद्देनज़र इस बार वहां राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान गलत जानकारी शेयर करने वाले ट्वीट्स पर रोक लगाई, जिसमें खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट्स भी शामिल हैं। लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में ये कंपनियां इस तरह की सावधानी नहीं बरतती हैं।