तालिबानी आतंकियों के संपर्क में है भारत, अधिकारियों ने चुपचाप जाकर की मुलाकात- रिपोर्ट

कतर के राजनयिक मुतलक बिन मजीद अल-कहतानी का बड़ा खुलासा, भारतीय अधिकारियों ने तालिबान से वार्ता की, दिग्विजय सिंह बोले- क्या इस पर भारत सरकार को जवाब देने की ज़रूरत नहीं..

Updated: Jun 23, 2021, 07:58 AM IST

Photo Courtesy: VOA
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नई दिल्ली। भारत आतंकवादियों के संपर्क में है। ये आतंकी तालिबानी हैं। कतर के एक राजनयिक ने यह दावा किया है। बताया गया है कि भारतीय अधिकारियों ने चुपचाप अफगानिस्तान जाकर तालिबानी आतंकियों से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि तालिबान से भारत की बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दिशानिर्देश पर आगे बढ़ रही है।

अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया का हिस्सा रहे कतर के राजनयिक व आतंकवाद पर रोक और विवादित मसलों के निपटारों पर कतर के विदेश मंत्री के स्पेशल दूत मुतलक बिन मजीद अल-कहतानी ने एक वेबिनार के दौरान इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने तालिबान के नेताओं से मुलाकात के लिए दोहा का दौरा किया है।'

तालिबान से बातचीत क्यों

भारत तालिबान से बातचीत क्यों कर रहा है यह पूछे जाने पर कहतानी ने कहा कि, 'भारत की ओर से तालिबान के साथ बातचीत इसलिए नहीं की जा रही कि अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन आ जाएगा। हां इतना जरूर है कि भविष्य में तालिबान की अफगानिस्तान में अहम भूमिका होगी। यही कारण है कि हर पक्ष बातचीत को तैयार दिख रहा है। मेरा जहां तक मानना है कि भारतीय अधिकारियों की तालिबान से बातचीत भविष्य को ध्यान में रखकर की गई है। आने वाले समय में तालिबान अफगानिस्तान के नीति निर्धारण में अहम भूमिका अदा करने वाला है।' 

भारत सरकार का आतंकी संगठन तालिबान से बातचीत की खबर सामने आने के बाद देशभर में सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार से इस पर वक्तव्य देने की मांग की है? सिंह ने ट्वीट किया, 'यह बहुत ही गंभीर विषय है। भारत सरकार को इस विषय पर तत्काल वक्तव्य देना चाहिए। क्या BJP IT Cell इसको संज्ञान में ले कर राष्ट्र द्रोह की श्रेणी में लेगा?'  मामले पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री रही महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि जब सरकार तालिबान से बात कर सकती है तो पाकिस्तान से बातचीत में क्या बुराई है। सरकार पाकिस्तान से भी बात कर ले।

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भारतीय विदेश मंत्रालय या सरकार के अन्य किसी अधिकारी ने अबतक क़हतानी के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उनका दावा सच है, क्योंकि ऐसा न होने पर भारत की ओर से बयान का खंडन जरूर आता। भारत सरकार ने ये भी नहीं बताया कि यह बातचीत क्यों और किस स्तर पर हो रही है। यह पूरा मामला ऐसे समय में सामने आया है जब पिछले दो हफ़्तों में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर क़तर में नेताओं से मुलाक़ात के लिए दो दौरे कर चुके हैं।