भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी पर न्यूयॉर्क में फ्रॉड-घूसखोरी का आरोप, गिरफ्तारी वारंट जारी
गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद अडानी एंटरप्राइजेज ने बॉन्ड के जरिये 60 करोड़ डॉलर जुटाने का प्लान रद्द कर दिया।
नई दिल्ली। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी है। उन्हें उम्मीद थी कि इन कॉन्ट्रैक्ट से अगले दो दशक में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का फायदा होगा। अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला।
अडाणी के अलावा शामिल 7 अन्य लोग सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल हैं। सागर और विनीत अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं। सागर, गौतम अडाणी के भतीजे हैं।
अडानी की तरफ से पिछले दिनों ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भारी निवेश करने की घोषणा की गई थी। यह घोषणा ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को चुनावी जीत पर बधाई देने के साथ की गई। दरअसल, ट्रंप ने एनर्जी कंपनियों के लिए नियमों को आसान बनाने का वादा किया है, जिससे उन्हें फेडरल लैंड पर ड्रिलिंग करने और पाइपलाइन बनाने में आसानी होगी।
अडाणी ने अमेरिका में 10 बिलियन डॉलर (84406 करोड़ रुपए) निवेश करने का ऐलान किया था, जिससे 15,000 नौकरियां बढ़ने की उम्मीद जताई थी। इसी बीच अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की तरफ से गौतम अडानी पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। अडानी ग्रुप की तरफ से खबर लिखे जाने तक इन आरोपों पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
बुधवार को ही अडाणी ने 20 ईयर ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर (5064 करोड़ रुपए) जुटाने की घोषणा की थी। इसके कुछ घंटों बाद उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद अडानी एंटरप्राइजेज ने बॉन्ड के जरिये ये रकम जुटाने का प्लान रद्द कर दिया है।