Donald Trump: विदेशी छात्रों को छोड़ना पड़ सकता है USA

ट्रंप प्रशासन का आदेश, जिन छात्रों की क्लास ऑनलाइन हुई उन्हें जाना पड़ेगा अपने देश

Publish: Jul 07, 2020, 11:29 PM IST

अमेरिकी सरकार के एक तानाशाही भरे आदेश का असर देश में पढ़ रहे लाखों विदेशी छात्रों पर पड़ने जा रहा है। अमेरिका के इमिग्रेशन और कस्टम विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन विदेशी छात्रों की सभी क्लास ऑनलाइन हो रही हैं, उन्हें अपने देश लौटना पड़ सकता है। ऐसा ना करने पर उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप प्रशासन ने इस आदेश को जारी करने के लिए कोरोना वायरस महामारी का हवाला दिया है। वहीं कई विदेशी छात्र इस आदेश के बात सकते में हैं क्योंकि कोरोना वायरस के चलते उनके देशों ने यात्रा पर रोक लगा रखी है और वे वापस नहीं जा सकते।

ट्रंप प्रशासन के इस आदेश पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष ने कहा, “हम इस आदेश से बहुत चिंतित हैं। इस आदेश ने एक बहुत ही जटिल समस्या का बस केवल एक उपाय सोचा है और विदेशी छात्रों के सामने घर जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं छोड़ा है। हम इस समस्या से निपटने के लिए विचार कर रहे हैं।”

ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को उनकी प्रवासी विरोधी नीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रंप बुरी तरह पिछड़ते जा रहे हैं। ऐसे में वे प्रवासियों को देश से बाहर निकालकर अपने वोट बेस को यह दिखाना चाहते हैं कि वे उनकी कितनी फिक्र करते हैं। ट्रंप दिखाना चाहते हैं कि वे अमेरिका फर्स्ट के तहत प्रवासियों के मुकाबले अमेरिका वासियों की शिक्षा और रोजगार की चिंता करते हैं। एच 1 बी वीजा पर उनके द्वारा लगाए गए अस्थाई बैन को उनकी इसी राजनीति से जोड़कर देखा जाना है।

डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले से कुल 10 लाख छात्रों पर असर पड़ सकता है। इनमें 2 लाख से ज्यादा भारतीय हैं। अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए सबसे ज्यादा छात्र चीन से आते हैं, इसके बाद भारतीयों का नंबर आता है। ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए अमेरिका आने वाले छात्रों को एफ-1 और एम-1 कैटेगरी के वीजा दिए जाते हैं।

प्रशासन ने अपने बयान में साफ किया गया है कि अमेरिकी विदेश विभाग उन छात्रों को अब नए वीजा जारी नहीं करेगा जिनकी सभी क्लास ऑनलाइन चल रही हैं। ऑनलाइन क्लास वाले छात्रों के लिए कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन परमिट भी जारी नहीं किया जाएगा। एफ-1 स्टूडेंट्स एकेडमिक कोर्स वर्क जबकि एम-1 वोकेशनल कोर्स वर्क वाली क्लास अटेंड कर सकेंगे।

कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से अब तक अमेरिकी कॉलेज और यूनिवर्सिटी ने सेमेस्टर प्लान जारी नहीं किया है. पढ़ाई के लिए हालांकि वे अलग-अलग तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी सभी क्लास ऑनलाइन कर दी हैं. यूनिवर्सिटी ने कहा, "40% अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट को कैम्पस में आने की मंजूरी दी जा रही है, लेकिन इसके लिए भी ऑनलाइन इंस्ट्रक्शन जारी की जाएंगी।"

साल 2018-19 में अमेरिका में पढ़ाई के लिए कुल 10 लाख विदेशी छात्रों ने वीजा लिए हैं। यह अमेरिका में हायर स्टडीज करने वाले कुल छात्रों का 5.5% है. साल 2018 में अमेरिका को विदेशी छात्रों से 44.7 करोड़ डॉलर की कमाई हुई थी। अमेरिका में पढ़ने वाले छात्रों में चीन के बाद भारत, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और कनाडा का स्थान है।