संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान ने भारत को हराया, UNESCO उपाध्यक्ष पद के चुनाव में जीत दर्ज की
Pakistan India UNESCO: पाकिस्तान ने यूनेस्को के उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भारत को मात दे दी है। पाकिस्तान को 38 वोट मिले, वहीं भारत को मात्र 18 वोट ही मिल सके।
संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर भारत और पाकिस्तान की अक्सर अदावत देखने को मिलती है। एक ओर पाकिस्तान कश्मीर को लेकर दुनिया को भ्रमित करने के लिए झूठ बोलता रहता है, वहीं भारत आतंकवाद के मुद्दे पर उसे बेनकाब करता रहता है। भारत अपने शानदार कूटनीति के बल पर हमेशा पाकिस्तान को मात देता रहा है। हालांकि, इस बार बाजी पाकिस्तान ने मार ली है। पाकिस्तान ने यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भारत को बंपर वोटों से मात दी है।
यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है। यह शिक्षा, कला, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग करके विश्व शांति तथा सुरक्षा को बढ़ावा देता है। एक तरफ जहां पाकिस्तान इस वैश्विक संस्था का उपाध्यक्ष बन रहा है, वहीं दूसरी पाकिस्तान में यूनेस्को की सूची में शामिल शारदा पीठ मंदिर को ढहा दिया गया है। यूनेस्को के संचालन में उपाध्यक्ष की बड़ी भूमिका होती है। पाकिस्तान साल 2023 से 2025 के लिए एशिया प्रशांत ग्रुप की ओर से उपाध्यक्ष बना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 58 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड में से 38 ने पाकिस्तान को वोट दिया। वहीं भारत को मात्र 18 वोट मिले। यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड की फ्रांस की राजधानी पेरिस में बैठक हुई। इसी दौरान हुए चुनाव में पाकिस्तान को यह जीत हासिल हुई। इस जीत से उत्साहित पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके सभी सदस्यों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया है। पाकिस्तान ने दावा किया कि वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरी जिम्मेदारी, आपसी सम्मान और विश्वसनीयता के साथ निर्वहन करेगा।
एक ओर पाकिस्तान दावा कर रहा है कि वह यूनेस्को की जिम्मेदारियों का पालन करेगा, वहीं खुद उसके देश में सिंध प्रांत में हिंदुओं के हिंगलाज माता मंदिर को कोर्ट के कथित के आदेश पर ढहा दिया गया। मंदिर को ढहा देने की यह कार्रवाई मीठी शहर में हुई है। इसके अलावा एलओसी के पास स्थित हिंदू मंदिर शारदा पीठ को भी ढहाया गया है जो यूनेस्को की सूची में शामिल है। हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान ने ये मंदिर ऐसे समय पर गिराए हैं जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि मंदिर की सुरक्षा हर कीमत की जाएगी।
ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के एक सर्वे के मुताबिक बंटवारे के वक्त पड़ोसी देश में कुल 428 बड़े मंदिर थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई। मंदिरों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया और वहां दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल्स, दफ्तर, सरकारी स्कूल या फिर मदरसे खोल दिए गए। आज आलम ये है कि यहां सिर्फ 20 बड़े मंदिर बचे हैं।