सूडान में तख्तापलट, सेना ने PM अब्दल्ला हमदोक को बंदी बनाया, देशभर में दूरसंचार सेवा ठप

सूडान में नेतृत्व संकट, पीएम अब्दल्ला समेत कई कैबिनेट मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों को सेना ने किया गिरफ्तार, देशभर में बंद की गई कॉलिंग और इंटरनेट की सुविधा

Updated: Oct 25, 2021, 07:58 AM IST

Photo Courtesy: The sentinel Assam
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सूडान की सेना ने अपने ही प्रधानमंत्री को बंदी बना लिया है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने तख्तापलट से इनकार कर दिया था। सैन्य बलों ने बंदूक के दम पर कई कैबिनेट मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों को भी हिरासत में ले लिया है। साथ ही पूरे सूडान में इंटरनेट और कॉल की सुविधाएं प्रतिबंधित कर दी गई है ताकि वहां क्या हो रहा है इसकी जानकारी बाहर न जाए।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान अल जजीरा ने सूडान के सूचना मंत्रालय के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक को एक सैन्य टुकड़ी ने बंदी बना लिया। इसके बाद सेना के लोग उन्हें किसी अज्ञात जगह पर ले गए हैं। इसके अलावा करीब पांच कैबिनेट मंत्रियों और कई शीर्ष अधिकारियों को भी सेना ने बंदूक की दम पर हिरासत में ले लिया है।

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सूडान की लोकतंत्र समर्थक मुख्य पार्टी सूडानीज प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ने जनता से आह्वान किया है कि वे इस सैन्य तख्तापलट के विरोध में सड़कों पर उतरें। देशभर के लोकतंत्र समर्थक लोग इस सैन्य गतिविधियों के विरोध में सड़कों पर मार्च कर रहे हैं। विरोध को रोकने के लिए सेना ने कई जगहों पर बलप्रयोग भी किया है। साथ ही प्रमुख नेताओं और हस्तियों के घरों के बाहर सेना को तैनात किया गया है ताकि वे बाहर आकर इस सैन्य तानाशाही का विरोध न कर सकें।

सूडानीज प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ने बताया है कि देश भर में इंटरनेट और फोन के नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में यह बताना मुश्किल हो रहा है कि लोकतंत्र का समर्थन करने वाले नेताओं के साथ क्या व्यवहार किया जा रहा है। दरअसल, करीब तीन दशकों तक निरंकुश शासन के बाद सूडान के तानाशाह उमर अल बशीर को दो साल पहले सेना और नागरिकों ने सत्ता से बेदखल कर दिया था।

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साल 2019 में इस्लामी तानाशाह बशीर को हटाने के बाद वहां अंतरिम नागरिक और सैन्य शासन की सरकार बनी थी। इसके बाद सूडान में लगातार पूर्ण नागरिक सरकार की मांग होने लगी जो सैन्य अधिकारियों को मंजूर नहीं थी। हाल ही में एक समूह ने सैन्य नेताओं के समर्थन में रैलियां की थी जिसके जवाब में वहां के नागरिकों ने रैलियां शुरू कर दी। इन घटनाओं के बाद सैन्य नेताओं और लोकतांत्रिक प्रणाली चाहने वालों के बीच खटास बढ़ गई।

सोमवार सुबह सैन्य नेताओं के इशारे पर अंतरिम प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर पूर्व के तानाशाह उमर अल बशीर के समर्थकों ने तख्तापलट का दावा किया है। ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि सैन्य नेताओं ने बशीर के साथ मिलकर तख्तापलट किया हो ताकि सूडान में नागरिकों द्वारा चुनी हुई सरकार स्थापित न हो सके।