अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में लहराया तालिबानी झंडा, तालिबान ने किया जंग समाप्ति का एलान

60 देशों ने साझा बयान जारी कर अपने नागरिकों की सुरक्षित निकलने की गुहार की, जल्द ही देश का नाम इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान करने की क़वायद

Updated: Aug 16, 2021, 06:30 AM IST

नई दिल्ली। तालिबान ने अब पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है। काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन में तालिबानी झंडा लहराया जा चुका है। तालिबान ने एलान किया है कि जल्द ही देश का नाम अब इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान किया जाएगा। 

अफगानिस्तान के हालात से चिंतित 60 देशों ने साझा तौर पर यह मांग की है कि तालिबान उनके नागरिकों को सुरक्षित तौर पर अफगानिस्तान से निकलने की छूट दे। ताकि सभी नागरिक अपने वतन लौट सकें। 

वहीं तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने जंग समाप्ति का एलान कर दिया है। मोहम्मद नईम ने जंग समाप्ति का एलान अल जजीरा को दिए अपने साक्षात्कार के दौरान किया। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा है कि अफगानिस्तान में किस प्रकार का शासन होगा, इसकी भी जल्द ही घोषणा कर दी जाएगी। मोहम्मद नईम ने कहा कि हम शरिया कानून के अंतर्गत महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों और अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करते हैं। 

तालिबानी प्रवक्ता ने विदेशों से संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तालिबान ने किसी भी दूतावास को नुकसान नहीं पहुंचाया। हम नागरिकों और डिप्लोमेटिक मिशन की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। मोहम्मद नईम ने कहा कि हम जो चाहते थे वो हमें अब मिल गया है। हमें हमारे देश की आजादी और लोगों की स्वतंत्रता चाहिए थी।

एक तरफ तालिबान अफगानिस्तान में जल्द ही अपना शासन शुरू करने की बात कर रहा है, लेकिन कितने देश तालिबानी सरकार को मान्यता देंगे इस पर संशय बरकरार है। रॉयटर्स के मुताबिक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि तालिबानी के शासन को अफगानी सरकार के तौर पर मान्यता नहीं देनी चाहिए। बोरिस जॉनसन ने जल्द ही अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के कायम होने पर हामी भरते हुए कहा कि समान विचारधारा वाले देशों को एक साथ आकर अफगानिस्तान को आतंक के साए से बचाना चाहिए। ब्रिटेन के पीएम ने कहा कि हमें अफगानिस्तान को आतंक की जन्मस्थली बनने से रोकना होगा।

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रविवार को अफगानिस्तान पर तालिबान के समाने अफगानी सरकार ने अपने घुटने टेक दिए। काबुल के बाहरी इलाकों में तालिबानी लड़ाकों के दाखिल होने के चंद घंटों बाद ही अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति के ताजिकिस्तान भाग जाने की खबर आई। बाद में अफगानी राष्ट्रपति का यह बयान सामने आया कि वे नहीं चाहते कि देश में और खून खराबा हो, इसलिए उन्होंने देश छोड़ा है। 

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दूसरी तरफ गनी ने तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने को लेकर कहा कि जब तक तालिबान अपने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं करता है, तब तक उसके हाथों में सत्ता नहीं सौंपी जा सकती। वहीं तालिबान जल्द ही काबुल में भी दाखिल हो गया और राष्ट्रपति भवन पर उसने अपना कब्जा जमा लिया।