टाइटैनिक का मलबा देखने गई पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में लापता, ढूंढने में जुटी कई मुल्कों की नौसेना

रिपोर्ट्स के मुताबिक लापता पनडुब्बी में कुल पांच लोग सवार हैं। जिनमें तीन पेइंग गेस्ट, एक पायलट और एक कंटेंट एक्सपर्ट शामिल हैं। बीते रविवार से ही पनडुब्बी लापता है

Updated: Jun 20, 2023, 08:43 PM IST

दुनिया की सबसे चर्चित पानी के जहाजों में से एक टाइटैनिक एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल अटलांटिक महासागर की गहराइयों में डूबे इस जहाज का मलबा देखने के लिए रविवार को एक टूरिस्ट पनडुब्बी में सवार होकर पांच लोग गए थे, लेकिन ये पनडुब्बी अब लापता हो गई है। अब हालत ये है कि कई देश इस पनडुब्बी को ढूंढने में जुट गए हैं।

जानकारी के मुताबिक इस टूरिस्ट पनडुब्बी का नाम टाइटन है और समंदर में गोता लगाने के पौने दो घंटे से भी कम समय में उसका संपर्क टूट गया। टूर कंपनी ओशियनगेट के मुताबिक, इस छोटी पनडुब्बी में पांच लोग सवार थे। संकट की बता यह है कि लापता पनडुब्बी में ऑक्सीजन कम होता जा रहा है, जिसके चलते उसमें सवार लोगों की जान खतरे में पड़ी हुई है। कंपनी का दावा है कि आमतौर पर इस पनडुब्बी में आपात स्थिति में चार दिन की ऑक्सीजन होती है।

ओशियनगेट का कहना है कि हम पनडुब्बी की खोजने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अभी तक हमें किसी तरह की सफलता हाथ नहीं लगी है। पनडुब्बी के लापता होने के बाद अब कई सरकारी एजेंसियां, अमेरिका-कनाडा की नेवी फोर्स और व्यवसायिक रूप से समंदर की गहराई में जाने वाली कंपनियां इस पनडुब्बी की खोज में लगी है।

लापता पनडुब्बी में पाकिस्तान के अरबपति कारोबारी शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान और ब्रिटिश कारोबारी हामिश हार्डिंग भी शामिल हैं। शहज़ादा दाऊद के बारे में बताया जा रहा है कि वे पाकिस्तान के सबसे अमीर परिवारों में से एक से हैं। पनडुब्बी के पायलट का नाम पॉल हेनरी है और वे फ्रांस के रहने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पनडुब्बी में सफर के लिए एक पर्यटक को 2 करोड़ 28 लाख से ज्यादा की रकम चुकानी होती है। 

बता दें कि टाइटैनिक का मलबा उत्तरी अमेरिका के समंदर के सबसे करीबी बिंदू कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के सैंट जॉन्स से 700 किलोमीटर दूर एटलाइंटिक महासागर में है। साल 1912 में ब्रिटेन से अमेरिका जा रहा टाइटैनिक रास्ते में एक आइसबर्ग से टकरा गया था। इस जहाज पर कुल 2200 लोग सवार थे, जिनमें से लगभग 1500 से अधिक लोग मारे गए थे। साल 1985 में टाइटैनिक जहाज का मलबा मिला था और तब से ही इस मलबे को देखने के लिए खोजी अभियान जाते रहते हैं।