UN महासचिव ने भारत-चीन से संयम बरतने को कहा

यह अपील तब की गई है जब ट्रंप ने भारत और चीन के बीच मध्यस्थता कराने की पेशकश की है।

Publish: May 29, 2020, 03:38 AM IST

Photo: Swaraj Express
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भारत और चीन के बीच ‘‘जोर पकड़ रहे सीमा विवाद’’ को समाप्त करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता की पेशकश के बीच संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि वैसे तो संयुक्त राष्ट्र के महासचिव का काम यह नहीं है कि वे यह तय करें कि ऐसी परिस्थितियों में किसे मध्यस्थता करनी चाहिए, लेकिन उन्होंने सभी पक्षों से तनाव पैदा कर सकने वाले कदमों से बचने की अपील की है। उधर स्थिति को लेकर थल सेनाध्यक्ष के नेतृत्व में भारतीय सेना के शीर्ष सैन्य कमांडरों का सम्मेलन चल रहा है। वहीं भारत में चीन के राजदूत कह चुके हैं कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को रिश्तों पर भारी नहीं पड़ने देना चाहिए और मामले बातचीत से हल करने चाहिए। 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने  अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘... यह निर्णय लेना हमारा नहीं, बल्कि मामले में शामिल पक्षों का काम है कि वे किसे मध्यस्थ बनाना चाहते हैं। हम हालात पर निस्संदेह नजर रख रहे हैं और हम सभी संबंधित पक्षों से अपील करेंगे कि वे हालात को और तनावपूर्ण बनाने वाले कदम उठाने से बचें।’’

दुजारिक से भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव को लेकर सवाल किया गया था। उनसे पूछा गया कि संयुक्त राष्ट्र और महासचिव इसे लेकर कितना चिंतित हैं। उनसे यह भी सवाल किया गया था कि महासचिव के अनुसार ट्रंप इस स्थिति में अच्छे मध्यस्थ बन सकते हैं या नहीं।

उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में 27 मई को अचानक मध्यस्थता करने की पेशकश की और कहा कि वह दोनों पड़ोसी देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध के दौरान तनाव कम करने के लिए ‘तैयार, इच्छुक और सक्षम’ हैं।

ट्रंप ने पहले कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच भी मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

करीब 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) भारत और चीन के बीच वस्तुत: सीमा है।

एलएसी पर लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में अनेक क्षेत्रों में भारत और चीन दोनों की सेनाओं ने हाल ही में सैन्य निर्माण किए हैं। इससे गतिरोध की दो अलग-अलग घटनाओं के दो सप्ताह बाद भी दोनों के बीच तनाव बढ़ने और दोनों के रुख में सख्ती का स्पष्ट संकेत मिलता है।

भारत ने कहा है कि चीनी सेना लद्दाख और सिक्किम में एलएसी पर उसके सैनिकों की सामान्य गश्त में अवरोध पैदा कर रही है। भारत ने चीन की इस दलील को पूरी तरह खारिज कर दिया कि भारतीय बलों द्वारा चीनी पक्ष की तरफ अतिक्रमण से दोनों सेनाओं के बीच तनाव बढ़ गया।

Click: ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश के बीच सीमा का हाल स्थिर

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सभी गतिविधियां सीमा के इसी ओर संचालित की गई हैं और भारत ने सीमा प्रबंधन के संबंध में हमेशा बहुत जिम्मेदाराना रुख अपनाया है। उसी समय विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पिछले सप्ताह एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘‘भारतीय सैनिकों द्वारा पश्चिमी सेक्टर या सिक्किम सेक्टर में एलएसी के पार गतिविधियां संचालित किए जाने संबंधी बात सही नहीं है। भारतीय सैनिक भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा से पूरी तरह अवगत हैं और इसका निष्ठापूर्वक पालन करते हैं।’’