नए साल के पहले दिन दुनिया में सबसे ज्यादा 60 हजार बच्चे भारत में पैदा हुए, चीन को पीछे छोड़ा

UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी 2021 को पहला बच्चा फिजी में और अंतिम बच्चा अमेरिका में पैदा हुआ

Updated: Jan 05, 2021, 09:28 PM IST

Photo Courtesy: CU Rocky Mountain OB-GYN
Photo Courtesy: CU Rocky Mountain OB-GYN

यूं तो लोग नया साल कई तरीके से सेलिब्रेट करते हैं, इस दिन को यादगार बनाने के लिए प्लानिंग करते हैं, पार्टीज होती हैं। लेकिन भारत के 60 हजार परिवारों में 1 जनवरी 2021 का दिन अलग ही ढंग से यादगार बन गया। एक जनवरी को भारत मे करीब 60 हजार बच्चे पैदा हुए हैं। वैसे तो विश्वभर में लाखों बच्चे पैदा हुए, लेकिन नंबर वन पर भारत रहा, उसने चीन को पछाड़ते हुए पहला स्थान पाया है।

संयुक्त राष्ट्र की बाल संस्था यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार साल के पहले दिन दुनिया भर में 3,71,504 बच्चों का जन्म हुआ। जिसमें 60 हजार बच्चों के साथ भारत नबंर वन पर रहा, जबकि चीन 36,615 बच्चों के साथ दूसरे नंबर पर रहा। नाइजीरिया में 21,439, पाकिस्तान में 14,161, इंडोनेशिया में 12,336, इथोपिया में 12,006, अमेरिका में 10,312, इजिप्ट में 9,455, बांग्लादेश में 9,236 और कांगो में 8,640 शिशुओं ने जन्म लिया। इस दिन सारी दुनिया में पैदा हुए शिशुओं में से आधी संख्या केवल 10 देशों में है।

UNICEF की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि साल 2021 में करीब 14 करोड़ बच्चे पैदा होंगे, जिनकी औसत आयु 84 साल होने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में भारत में पैदा होने वाले बच्चों की औसत उम्र 80.9 साल होगी। नवजात बच्चों की देखभाल के लिए एसएनसीयू की स्थापना से देश में बच्चों का जीवन बचाने में मदद मिली है। 

गौरतलब है कि साल 2021 में यूनिसेफ की स्थापना के 75 साल पूरे होने पर संस्था की प्लेटिनम जुबली मनाई जा रही है। इस मौके को खास बनाने के लिए यूनिसेफ और इसकी सहयोगी संस्थाएं बच्चों के लिए किए गए कामों को लेकर जश्न मनाने की तैयारी में हैं। इसके तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने अपील की है कि साल 2021 को बच्चों के लिहाज से भेदभाव रहित, सुरक्षित और स्वस्थ वर्ष बनाया जाए। हेनरीटा का कहना है कि नए साल के पहले दिन जन्मे बच्चों के लिए नया साल नए अवसर लेकर आए। यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक का कहना है कि पिछले 75 साल से यूनिसेफ संघर्ष, विस्थापन, प्राकृतिक आपदाओं और संकट के दौर में दुनिया के बच्चों साथ खड़ा रहा है।

उन्होंने नए साल में बच्चों के अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दोहराया है। उनका कहना है कि बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई जाए, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में रहें। यूनिसेफ ने कोरोना के मद्देनजर बच्चों के लिए ‘रीइमैजिन अभियान’ समेत कई योजनाए शुरू की हैं।