हवा में 6 फीट से भी ज्यादा दूर जा सकता है कोरोना वायरस, अमेरिका ने जारी की अपने नागरिकों के लिए नई गाइडलाइंस

यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने वायरस के प्रसार को लेकर दी नई जानकारी, संक्रमित व्यक्ति से 6 फीट की दूरी भी घातक, अमेरिका ने बदले दिशानिर्देश

Updated: May 09, 2021, 12:41 PM IST

Photo Courtesy: Down to Earth
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न्यूयॉर्क। आए दिन कोरोना वायरस के बदलते स्ट्रेन के बीच अमेरिका ने इसके प्रसार को रोकने के लिए नई जानकारी दी है। यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बताया है कि corona वायरस हवा में 6 फीट से भी ज्यादा दूर तक जा सकता है। यानी कि संक्रमित व्यक्ति से 6 फीट दूर रहने के बावजूद आप कोरोना वायरस के चपेट में आ सकते हैं। यही नहीं, अगर संक्रमित व्यक्ति कमरे में ना भी हो तो भी उसके सांस छोड़ने से हवा में घुले वायरस के कण आपको संक्रमित कर सकते हैं।

इस जानकारी के सामने आने के बाद अमेरिका ने कोरोना वायरस से संबंधित अपने दिशानिर्देश को भी अपडेट कर दिया है। इतना ही नहीं नयी गाइडलाइंस में बताया गया है कि कोरोना वायरस का सर्वोच्च जोखिम संक्रमित व्यक्ति से 3-6 फीट के भीतर होता है। इस नयी खोज में पाया गया है कि संक्रमित व्यक्ति के सांस छोड़ने यानी एक्झेल करने से भी कोरोना वायरस के कण हवा में घुल मिल जाते हैं। यह संक्रमित व्यक्ति से छह फीट की दूरी तक एक ऐसा वायुमंडल तैयार करते हैं कि जो भी उसके दायरे में आएगा, वो संक्रणण का शिकार हो सकता है। बताया गया है कि हवा में सांस लेने से बेहद छोटी-छोटी महीन बूंदें, एरोसोल कण के रूप में तैरती हैं.. जिनमें वायरस हो सकते हैं। ये महीन बूंदें 6 फीट से भी ज्यादा दूरी तय कर सकती हैं।

सीडीसी के मुताबिक घर के भीतर संक्रामक वायरस लिए ये बूंद और भी ज्यादा दूरी तय कर सकता है। घर के भीतर एक संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकला वायरस 15 मिनट से लेकर एक घंटे तक हवा में रह सकता है। कई मामलों में ऐसा भी हो सकता है कि सड़क से गुजरे संक्रमित व्यक्ति के जाने के कुछ देर बाद भी आप कोरोना वायरस के चपेट में आ सकते हैं। अमेरिकी संस्था की इस रिपोर्ट ने दुनियाभर के स्वास्थ्य जानकारों की चिंता बढ़ा दी है।

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गौरतलब है कि हाल ही में मेडिकल जनरल लैंसेट ने भी कोरोना वायरस से हवा में संक्रमण होने की पुष्टि की थी। लैंसेट पत्रिका ने अप्रैल में एक नयी अध्ययन रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि इस बात को साबित करने के साक्ष्य हैं कि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 वायरस मुख्यत: हवा के माध्यम से फैलता है। कई विशेषज्ञ भी पहले इस बात को कह चुके हैं कि वायरस पर काबू पाने में हम इसलिए असमर्थ हैं क्योंकि यह मुख्यतः यह हवा में फैलता है।