थाईलैंड और कंबोडिया में छिड़ी जंग, कंबोडियाई सैनिकों की गोलीबारी में 11 थाई लोगों की मौत

इस साल 28 मई को बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच भिड़ंत हुई थी, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद जारी है।

Updated: Jul 24, 2025, 02:07 PM IST

बैंकॉक। थाईलैंड और कंबोडिया के बॉर्डर पर गुरुवार सुबह शुरू हुई झड़पों के बाद दोनों देशों में जंग के हालात उत्पन्न हो गए हैं। दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी का आरोप लगाए हैं। थाईलैंड आर्मी ने बताया है कि कंबोडियाई सैनिकों की गोलीबारी में 11 थाई लोगों की मौत और 14 घायल हैं।

कंबोडिया के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि थाई सैनिकों ने पहले गोली चलाई। जबकि थाईलैंड की सेना ने कहा कि कंबोडिया ने सेना भेजने से पहले एक ड्रोन तैनात किया था, इसके बाद तोप और लंबी दूरी के BM21 रॉकेटों से गोलीबारी शुरू कर दी थी।यह गोलीबारी थाईलैंड के सुरिन प्रांत और कंबोडिया के प्राचीन प्रसात ता मुएन थॉम मंदिर के पास हुई। हमले को देखते हुए थाईलैंड ने बॉर्डर पर F-16 लड़ाकू विमान तैनात किया था।

इस साल 28 मई को बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच भिड़ंत हुई थी, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद जारी है। इसी विवाद की वजह से इंडोनेशिया की पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा को भी इस्तीफा देना पड़ा था। 

थाईलैंड के जिला प्रमुख ने बताया कि हमले के बाद सीमा से लगे 86 गांवों से लगभग 40 हजार थाई नागरिकों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह स्थित रॉयल थाईलैंड दूतावास ने कहा कि सीमा पर स्थिति बिगड़ती जा रही है और झड़पों के लंबे समय तक जारी रहने की संभावना के कारण, दूतावास ने अपने नागरिकों से जितनी जल्दी हो सके कंबोडिया छोड़ने को कहा है।

थाई दूतावास की घोषणा के कुछ ही देर बाद, थाईलैंड की सेना ने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उसने सीमा पर एक एफ-16 जेट लड़ाकू विमान तैनात किया है। उधर, कंबोडिया के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर थाईलैंड पर पहले हमला करने का आरोप लगाया। बयान के अनुसार, कंबोडियाई सैनिकों ने थाईलैंड की सेना के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की और यह केवल आत्मरक्षा में की गई थी।