MP में हर दिन गायब हो रहे हैं 32 बच्चे, CRY की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

इंदौर-भोपाल से गायब होते हैं सबसे ज्यादा बच्चे, साल 2022 में इंदौर में 977 मामले दर्ज हुए, जबकि भोपाल में 661 बच्चे गायब होने के मामले दर्ज हुए है।

Updated: Aug 02, 2023, 06:57 AM IST

भोपाल। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों की गुमशुदगी संबंधी जो जानकारी दी है वो होश उड़ा देने वाली है। देशभर में बीते साढ़े पांच साल में 2,75,125 गायब हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे 61,102 बच्चे मप्र से गायब हुए हैं। राज्य से गायब होने वाले बच्चों में 49024 लड़किया हैं, इस तरह गायब होने वाले बच्चों में 80 फीसदी से ज्यादा बालिकाएं हैं। 

मध्य प्रदेश लापता बच्चों की स्थिति को समझने के लिए चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) ने विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। मानव तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 30 जुलाई को सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश से हर रोज 32 बच्चे लापता हो रहे हैं। चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) के अनुसार, बच्चों की गुमशुदगी के 75 फीसदी मामलों में पीड़िता लड़की थी। साल 2022 में प्रतिदिन 24 लड़कियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। लापता लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में तीन गुना अधिक दर्ज की गई। साल 2022 में 11,717 बच्चे गायब हुए, जिनमें 8,844 लड़कियां थीं, जबकि 2873 लड़के थे। 

वर्ष 2022 में इंदौर और भोपाल में बच्चों के लापता होने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इंदौर में 2022 में बच्चों के लापता होने के 977 मामले दर्ज किए गए, जबकि भोपाल में लापता बच्चों के 661 मामले दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों मे बच्चों के गुमक्षुदगी के ज्यादा मामले दर्ज हैं।

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मध्य प्रदेश में पिछले वर्षों की तुलना में बाल तस्करी बढ़ी है। क्राईम इन इंडिया 2021 रिपोर्ट के अनुसार बाल तस्करी के मामलों की संख्या साल 2020 में 33 से बढ़कर साल 2021 में 52 हो गई। बाल तस्करी के मामलों में 36% की वृद्धि दर्ज हुई है। वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश से 10038 बच्चे गायब हुए थे, इनमें 7564 लड़कियां, जबकि 2464 लड़के थे। साल 2019 में कुल 11022 बच्चे गायब हुए, जिसमें 8572 लड़कियां और 2450 लड़के थे। वर्ष 2020 में 8751 बच्चे लापता हुए, जिसमें लड़कियों की संख्या 7230 जबकि 1521 लड़के थे। साल 2021 में 11607 बच्चे गायब हुए, जिनमें 9407 लड़कियां और 22 लड़के थे। वर्ष2022 में कुल 11717 बच्चे गायब हुए, इसमें 8844 लड़कियां और 2873 लड़के शामिल हैं।

चाइल्ड राइट एंड यू (क्राई) उत्तर क्षेत्र की निदेशक सोहा मोइत्रा का मानना है कि लापता होने वाले बच्चे अक्सर मानव तस्करी का आसान शिकार होते हैं। फैक्टशीट के अनुसार मध्य प्रदेश में 2022 में लापता हुए बच्चों में 75% से ज्यादा (संख्या में 8,844) लड़कियां थीं। यह गंभीर चिंता का विषय है कि लापता बच्चों में लड़कियों की संख्या काफी अधिक होने की प्रवृत्ति पिछले 5 वर्षों से लगातार बनी हुई है।

मोइत्रा ने कहा कि लापता होने वालों में लड़कियों की ज्यादा संख्या की वजह घरेलू कामकाज में उनकी मांग, व्यावसायिक देह व्यापार हो सकता है और कई बार लड़कियां घरेलू हिंसा, दुर्व्यवहार और उपेक्षा का शिकार होकर मजबूरन घर से भाग जाती हैं। महामारी के दौरान असंगठित क्षेत्र में सस्ते कामगारों की कमी के कारण बाल मजदूरी की मांग बढ़ी है। लापता लड़कों की संख्या में वृद्धि भी चिंता का विषय है, यह सभी कारण राज्य में बाल तस्करी के बढ़ते जोखिम का संकेत देते हैं।