अडानी ग्रुप के इंजीनियर ने किया सुसाइड, नौकरी जाने से था दुखी

उज्जैन-नागदा बायपास स्थित ब्रिज में लटका मिला इंजीनियर का शव, नौकरी से निकाले जाने की वजह से था तनाव में, मुंबई में थी पोस्टिंग, पुलिस कई एंगल से मामले की जांच में जुटी

Updated: Jul 20, 2021, 10:22 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
Photo Courtesy: Bhaskar

उज्जैन। नौकरी जाने से परेशान एक इंजीनियर ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 51 वर्षीय संजय कुमार पाराशर के रूप में हुई है। संजय अडानी ग्रुप में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे, उनकी पोस्टिंग मुंबई में थी। लॉकडाउन की वजह से संजय की नौकरी छूट गई। जिसके बाद वे अपने घर उज्जैन लौट आए। मृतक संजय दो बच्चों के पिता थे। वे ही घर के एक मात्र कमाऊ सदस्य थे। अचानक नौकरी चले जाने की वजह से संजय काफी परेशान रहने लगे थे।

पुलिस का कहना है कि संजय विवेकानंद नगर में रहते थे, लेकिन उनकी लाश उज्जैन-नागदा बायपास के चिंतामन ब्रिज पर लटका मिला है। शव के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, मृतक की जेब से महज एक आधार कार्ड मिला है, जिससे उसकी पहचान हो पाई है। घर से काफी दूर शव मिलने की वजह से आत्महत्या और हत्या दोनों एंगल से मामले की जांच की जा रही है।

इंजीनियर का शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि आत्महत्या के लिए नई रस्सी का प्रयोग किया गया था। वहीं मृतक की बाइक भी पास में ही खड़ी मिली है। माना जा रहा है कि सुसाइड के लिए संजय पहले पुल पर चढ़ा होगा फिर उसने ब्रिज के पिलर से लटककर फांसी लगाई होगी। बिजनेस के मामले में भले की अडानी ग्रुप कितनी ही तरक्की कर ले, लेकिन उनकी कंपनी ने कोरोना काल में कई लोगों की नौकरियां छीन लीं है। जिसकी वजह से कई घरों की खुशियां बरबाद हो गईं है।  

कोरोना लॉकडाउन की वजह से देशभर के लाखों लोगों को उनकी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। जिससे दुखी होकर हजारों लोगों का जिंदगी पर से भरोसा उठ गया है। बात चाहे बड़ी कंपनियों के कर्मचारियों की हो या फिर रोज कमाकर अपनी गुजर बसर करने वालों की। हर वर्ग की मुसीबतें बढ़ीं है। वहीं इन सब परेशानियों के चलते लोग अपनी जिंदगी को खत्म करने से बाज नहीं आ रहे हैं।