अंबाह उपचुनाव: नरेंद्र सिंह तोमर के कहने पर फर्जी मतदान का आरोप, वायरल हुआ वीडियो

Ambah By Election: वायरल वीडियो में एक कथित बीजेपी कार्यकर्ता और पीठासीन अधिकारी में बातचीत का दावा, जैसे चाहे फर्जी मतदान की छूट का आरोप

Updated: Nov 07, 2020, 12:24 PM IST

मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के अंबाह में हुए कथित फर्जी मतदान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कहने पर फर्जी मतदान किया गया। वीडियो में बीजेपी कार्यकर्ता बताए जा रहे एक शख्स को कथित पीठासीन अधिकारी से बात करते दिखाया गया है। जिसमें किन्हीं नरेंद्र भाई साहब से बात करने के बाद कुर्सी पर बैठा शख्स कथित बीजेपी कार्यकर्ता से कहता है जैसे जी चाहे वैसा करें, बस भीड़ न लगाएं। बताया जा रहा है कि इस बूथ पर कुल 860 मतदाता थे जिनमें 728 वोट डाले गए।  

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वीडियो अंबाह विधानसभा के पोरसा ब्लॉक में आने वाले चापक पोलिंग बूथ (क्रमांक 264) का है। वीडियो में एक कथित स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता फोन लिए दौड़ते हुए बूथ के अंदर कुर्सी पर बैठे शख्स के पास पहुंचता है। युवक फोन पर ही किसी से कहता है कि पीठासीन अधिकारी राउगढ़ निवासी केएल शर्मा जी हैं जो मुरैना कमिश्नर ऑफिस में हैं। इसके बाद युवक मोबाइल पीठासीन अधिकारी को देता है। पीठासीन अधिकारी पूछते हैं... किससे बात करना है? इस पर युवक कहता है कि, नरेन्द्र भाई साहब से।'

पीठासीन अधिकारी फोन लेकर तुरंत नमस्कार करते हैं और कहते हैं कि आप तो प्रह्लाद बाथम भाई साहब के साथ आते रहते थे। हम कुछ नहीं कह रहे हैं। हां ठीक है, जैसे जी करना चाहे... कोई दिक्कत नहीं।' इसके बाद वह फोन वापस युवक को देते हैं तो वह कहता है शर्मा जी अब तो करवा दो। इसके बाद अधिकारी कहते हैं कि भीड़ मत करवाना है, और इतना भी मत करवा दो कि दिक्कत हो जाए। 

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पोलिंग बूथ पर प्रतिबंधित है मोबाइल फोन

बता दें कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान केंद्र के 100 मीटर के आसपास मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक है। इसके बावजूद युवक को हाथ में मोबाइल लेकर जाने के दौरान किसी ने रोकना मुनासिब नहीं समझा। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मी भी एकटक देखते रहे। हद तो तब हो गई जब कुर्सी पर बैठे कथित अधिकारी ने खुद फोन लेकर बात की। ऐसे में चुनाव आयोग और जिला पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। जिला कलेक्टर ने माना है कि यह बेहद संवेदनशील घटना है और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने जांच के पहले कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।