ECI से की गई MP उपचुनाव टालने की मांग, राज्य निर्वाचन आयोग के जवाब को बनाया आधार

मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों जबकि एक लोकसभा सीट पद जल्द उपचुनाव होने हैं, लेकिन उपचुनाव की तैयारियों के बीच नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से केंद्रीय चुनाव आयोग को एक लीगल नोटिस भेजा गया है, जिसमें चुनाव टालने की मांग की गई है

Updated: Aug 03, 2021, 05:01 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में जल्द होने वाले आगामी लोकसभा और विधानसभा के उपचुनावों को टालने की मांग शुरू हो गई है। इस सिलसिले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग से मांग कर दी गई है। नागरिक उपभोक्ता मंच ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से मांग की है कि उपचुनावों को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए। 

नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से केंद्रीय निर्वाचन आयोग को मेल के जरिए एक लीगल नोटिस भेजा गया है। जिसमें सात दिनों के भीतर निर्णय लेने की अपील आयोग से की गई है। मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा की तीन और लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव होने हैं। 

नागरिक उपभोक्ता मंच ने उपचुनावों को टालने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के जवाब को ही आधार बनाया है। 27 जुलाई को हाई कोर्ट में राज्य निर्वाचन आयोग ने एक याचिका की सुनवाई में जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि जब तक प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराए जाएंगे। जिसके बाद हाई कोर्ट ने भी याचिका को निरस्त कर दिया था।

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नागरिक उपभोक्ता मंच ने राज्य निर्वाचन आयोग के इसी जवाब के आधार पर उपचुनाव भी टालने की मांग की है। मंच का कहना है कि जिस तरह से मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव को कोरोना के मद्देनजर टालने की मांग की गई है। उसी तर्ज पर उपचुनावों को भी टाला जाना चाहिए। 

मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों और खंडवा की लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इन उपचुनावों को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस इन उपचुनावों में दमोह मॉडल को दोहराने पर जोर दे रही है। तो वहीं बीजेपी में भी लगातार बैठकों का दौर जारी है।