PM मोदी की तस्वीर के कारण खाद वितरण पर रोक, कांग्रेस ने सरकार पर लगाए किसानों को मुसीबत में डालने के आरोप

मोदी सरकार ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए लाखों किसानों को मुसीबत में डाल दिया है, किसानों तक खाद पहुंचाने में विफल हो रही है मोदी सरकार: गुरदीप सिंह सप्पल

Updated: Nov 09, 2023, 10:58 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में अब महज हफ्तेभर का समय शेष है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि, आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण प्रदेश में खाद की किल्लत उत्पन्न हो गई है। दरअसल, खाद की बोरियों पर पीएम मोदी की तस्वीर होने के कारण निर्वाचन आयोग ने खाद वितरण की अनुमति नहीं दी है। इसके लिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा मोदी सरकार ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए लाखों किसानों को मुसीबत में डाल दिया है।

कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई सीडब्ल्यूसी के सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने गुरुवार को पीसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए खाद किल्लत को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की। सप्पल ने कहा, 'आज एक खबर सामने आई है मोदी सरकार किसानों तक खाद पहुंचाने में विफल हो रही है। खाद के बैग पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो का होना, जिस वजह से निर्वाचन आयोग ने इसकी अनुमती नहीं दी है। मोदी सरकार ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए लाखों किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। यह कैसा गुड गवर्नेंस है, जब रवि के मौसम में किसानों को सबसे ज्यादा खाद की जरूरत है, तब खाद्य किसानों तक पहुंचने में विफल क्यों है?' 

सप्पल ने कहा कि, 'खाद की बोरी के ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की फोटो लगी है, जिसको चुनाव के समय इलेक्शन कमिशन भी उपयोग करने से मना करता है। यही फोटो किसानों को खाद उपलब्ध कराने में आड़े आ रही है। अगर वक्त पर खाद उपलब्ध नहीं होगी तो इसका खामयाजा किसान और उसके पूरे परिवार को पूरे साल भुगतना पड़ेगा, देश को भुगतना पड़ेगा। भाजपा सरकार किसानों की दुश्मन क्यों बनी हुई है, हम सब कुछ सालों से देख रहे हैं कि भाजपा पहले तीन काले कानून लाई जिन पर किसानों ने आंदोलन किया, उनकी कोशिश थी कि किसानों को कुचल दिया जाए, पूरा सब कुछ कॉर्पाेरेट के हाथ कर दिया जाए।'

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि, 'उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में बाकायदा इन्होंने किसानों को कुचलने का काम किया, लेकिन इसके बावजूद भी देश के किसान अपने हक के लिए लड़े और मोदी सरकार को पीछे हटना पड़ा। भाजपा की सरकार किसानों के विरोध में इतना क्यों रहती है अभी तक पता नहीं चला है। वर्ष 2008 में जब भाजपा सत्ता में आई तो इन्होंने कर्ज माफी की बात कही थी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे पलट गए। भारतीय जनता पार्टी अपने खुद के प्रचार के लिए किसानों को खाद उपलब्ध न होने देने का कारण बनी है और यह बहुत गंभीर विषय है। हमारा कहना है कि किसानों को खाद उपलब्धता के लिए जो भी इमरजेंसी प्लान बनाना चाहिए वह बनाकर तत्काल किसानों को खाद की उपलब्धता कराई जाए।'