MLAs के लिए भोज यूनिवर्सिटी ने शुरू किया था डिप्लोमा कोर्स, एक भी विधायक पढ़ने को तैयार नहीं

भोज यूनिवर्सिटी ने विधानसभा के साथ मिलकर तैयार किया था पाठ्यक्रम, किसी विधायक ने पढ़ाई में नहीं दिखाई दिलचस्पी, यूनिवर्सिटी ने बढ़ाई दाखिले की तारीख

Updated: Dec 25, 2021, 09:18 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित भोज विश्वविद्यालय में विधायकों के लिए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स तैयार किए गए थे। लेकिन प्रदेश के 230 में से किसी भी विधायक ने पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। क्योंकि एक भी विधायक ने इन पाठ्यक्रमों में दाखिला नहीं लिया इसलिए यूनिवर्सिटी ने एडमिशन की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भोज यूनिवर्सिटी ने रामचरित मानस और भगवद्‌गीता मिलाकर पाठ्यक्रम तैयार किया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने करीब ढाई महीने पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को पत्र लिखकर कहा था कि ये कोर्स मुख्य रूप से प्रदेश के विधायकों के लिए तैयार किए गए हैं। यदि वे चाहें तो इन कोर्स में एडमिशन लेकर पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। बता दें कि मौजूदा विधानसभा में करीब 75 ऐसे विधायक हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन तक नहीं किया है।

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विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधायकों से कहा था कि इस पाठ्यक्रम जरिए उनका ग्रेजुएशन भी हो जाएगा, साथ ही रामचरित मानस और भगवदगीता की बारीकियों को समझना भी आसान हो जाएगा। ऐसे में विधायक इन दोनों ही धर्मग्रंथों में शिक्षित हो जाएंगे। बावजूद इसके एक भी विधायक इनमें एडमिशन के लिए आगे नहीं आया।

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अब कहा है कि वे विधायकों को फिर से चिट्‌ठी लिखकर इन पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए आग्रह करेंगे। बता दें कि यूनिवर्सिटी ने दर्शनशास्त्र के लिए रामचरितमानस और प्रबंधन के गुर सिखाने के लिए भगवद्‌गीता तथा कौटिल्य के अर्थशास्त्र से महत्वपूर्ण प्रसंग निकालकर इन पाठ्यक्रमों को तैयार किया है। विधायकों को BA, BSc या Bcom कोर्स के साथ रामचरितमानस में डिप्लोमा का ऑफर दिया गया था।