पान मसाला कांड में रिश्वतखोरी का ट्विस्ट
भोपाल में गुटखे की तस्करी में पकड़े गए व्यापारी के मामले में पुलिस की रिश्वतखोरी का ट्विस्ट आ गया है।

भोपाल के अखबारों में सोमवार को यह खबर सुर्खी बनी कि विदिशा के एक व्यापारी लॉकडाउन के बीच गुटखा बेच रहा था। उसने पत्नी के इलाज के नाम पर पास बनवाया और इस पास की आड़ में कार से गुटखा ला कर महंगे दामों पर बेचता था। पुलिस ने उस व्यापारी राधावल्लभ अग्रवाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गाड़ी और करीब 95 हजार का गुटखा जब्त किया है। मगर इस खबर की सच्चाई इतनी ही नहीं है।
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पड़ताल की तो पाया कि अपनी पत्नी के इलाज के लिए पैसा जुटाने का प्रयास कर रहे राधावल्लभ अग्रवाल व्यापारियों के कहने पर माल भोपाल लाए थे। बकौल अग्रवाल गुटखा लाकर देने पर जो पैसा मिलता उससे अस्पताल का बिल चुकाते। अब उनका आरोप है कि पुलिस ने गाड़ी व माल तो जब्त किया ही है, रिश्वत के रूप में 70 हजार रुपए और ले लिए हैं। वे मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि गुटखा तस्करी के आरोप से मुक्ति और रिश्वत में दिया गया पैसा भी वापस दिलवाएं।
विदिशा के व्यापारी राधावल्लभ अग्रवाल ने कहा है कि उनकी मोबाइल की दुकान है। उनकी पत्नी का 11 अप्रैल से भोपाल के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पत्नी की 22 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी हो गई थी मगर बीमार होने पर फिर भर्ती करवाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अब तब इलाज में 2 लाख 67 हजार रुपए लग चुके हैं। अब पत्नी फिर भर्ती है। इलाज के लिए पैसे चाहिए थे। उन्होंने भोपाल में अपने व्यापारी मित्रों से पैसा मांगे तो मित्रों ने कहा कि गुटखा ले आओ। हम पैसा दे देंगे। दोस्तों के मांगने पर वे माल ले लाए थे। उन्हें चुनाभट्टी पुलिस ने गुटखा तस्कर कहते हुए पकड़ लिया है। अपनी बात के समर्थन में वे अस्पताल के बिल आदी दिखा रहे हैं। अग्रवाल का कहना है कि वे पत्नी की बीमारी और उसके इलाज के लिए पैसे जुटाने को लेकर वे पहले ही परेशान हैं। अब पुलिस के आरोप से वे दु:खी हैं।