भोपाल के बेटे की अमेरिका में हत्या, बेबस मां ने ऑनलाइन देखा अंतिम विदाई

दो महीने बाद जिस बेटे का करना था निकाह, मजबूर मां ने 13 हजार किलोमीटर दूर बैठकर सुपुर्द-ए-खाक होते ऑनलाइन देखा, सीएम, पीएम किसी ने नहीं कि मदद

Publish: Apr 05, 2021, 07:29 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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भोपाल। अमेरिका में नौकरी करने वाले भोपाल के जिस बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी उसे वहीं सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है। भोपाल के सुभाष नगर के रहने वाले मृतक शरीफ रहमान खान को उनके दोस्तों ने सेंट लुइस के कब्रिस्तान में अंतिम विदाई दी। रहमान की मां रुखसाना को न चाहते हुए भी अपने लाडले के अंतिम संस्कार तक से दूर रहना पड़ा। कोरोना की वजह से उन्हें 13 हजार किलोमीटर दूर बैठे ऑनलाइन माध्यमों से अपने बेटे को सुपुर्द-ए-खाक होते देखना पड़ा।

रुखसाना खान बार-बार अपने बेटे का एक दर्शन के लिए बिलखती रही, सरकार, प्रशासन और नेताओं से गुहार लगाती रही पर उन्हें किसी ने मदद नहीं किया। रहमान के बड़े भाई मुजीब ने बताया कि, 'शरीफ की हत्या की जानकारी हमने हर स्तर पर जिम्मेदारों को ट्वीट के जरिए दी। भोपाल कलेक्टर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश मंत्रालय सभी को ट्वीट किया। हमने सभी से शरीफ के लिए मदद मांगी। लेकिन मदद तो दूर चार दिन में हमसे किसी ने बात तक नहीं किया।'

मामला बीते बुधवार का है, जब शरीफ रहमान खान को अमेरिकी समयानुसार दोपहर 1:20 बजे तीन गोली मारी गई। अस्पताल ले जाते वक्त रहमान ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस घटना के आरोपी अमेरिकी नागरिक कोल जे मिलर को गिरफ्तार कर लिया है। मिलर ने पुलिस को बताया कि वह रहमान की महिला मित्र से एकतरफा प्यार करता था। मिलर के मुताबिक उसे यह लगा कि लड़की का रहमान ने अपहरण किया है। इसके बाद वह उसके अपार्टमेंट के पास गया जहां रहमान के साथ बहस के बाद उनके बीच हाथापाई हुई और उसने गोली मार दिया। बताया जा रहा है की मिलर आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ अवैध बंदूक रखने और घरेलू हिंसा, उत्पीड़न जैसे मामले दर्ज हैं। 

भोपाल के सुभाष नगर इलाके के निवासी मृतक रहमान अपने परिवार में कमाने वाला एकलौता शख्स था। वह बीते 6 साल से अमरीका में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौकरी कर रहे थे। शरीफ जुलाई में भोपाल आने वाला था। परिजनों ने उसके लिए रिश्ता भी ढूंढना शुरू कर दिया था ताकि जुलाई में निकाह कर दी जाए। इसके पहले बताया गया था कि अंतिम संस्कार के लिए उनके शव को भोपाल लाया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी उनकी कंपनी बिरला सॉफ्ट ने ली है। हालांकि, कोरोना की वजह से न तो शव भोपाल आया और न ही परिजन अमेरिका जा पाए।