महाकौशल फड़फड़ा सकता है, उड़ नहीं सकता, शिवराज मंत्रिमंडल में इलाक़े की उपेक्षा पर बोले अजय विश्नोई

अजय विश्नोई पहले भी मंत्रिमंडल में बीजेपी के विधायकों की उपेक्षा किए जाने पर सवाल खड़ा कर चुके हैं, साथ ही प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी चिंता ज़ाहिर कर चुके हैं

Updated: Jan 04, 2021, 11:46 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय विश्नोई ने एक बार फिर शिवराज मंत्रिमंडल को लेकर अपना असंतोष ज़ाहिर किया है। बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने शिवराज के मंत्रिमंडल में महाकौशल और विंध्य के विधायकों को तरजीह न दिए जाने को लेकर कड़ी नाराज़गी जाहिर की है, वो भी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक टिप्पणी करके। अजय विश्नोई ने ट्विटर पर लिखा है कि महाकौशल फड़फड़ा ज़रूर सकता है लेकिन उड़ नहीं सकता।

महाकौशल और विंध्य को अब खुशामद करते रहना होगा

जबलपुर के पाटन से विधायक अजय विश्नोई ने कहा है, महाकौशल के 13 भाजपा विधायकों में से एक को तथा रीवा संभाग में 18 भाजपा विधायकों में से एक को राज्य मंत्री बनने का सौभाग्य मिला है। महाकौशल और विंध्य अब फड़फड़ा सकते हैं उड़ नहीं सकते। महाकौशल और विंध्य को अब खुश रहना होगा। खुशामद करते रहना होगा। बधाई।

अजय विश्नोई ने कहा कि 'मध्यप्रदेश में सरकार का पूर्ण विस्तार हो गया है। ग्वालियर, चंबल, भोपाल, मालवा क्षेत्र का हर दूसरा भाजपा विधायक मंत्री है। सागर, शहडोल संभाग का हर तीसरा भाजपा विधायक मंत्री है। महाकौशल अब उड़ नहीं सकता फड़फड़ा सकता है।

 

 

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी नेता ने शिवराज मंत्रिमंडल के प्रति अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की हो। इससे पहले भी अजय विश्नोई शिवराज मंत्रिमंडल में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बदले सिंधिया समर्थकों को तरजीह दिए जाने को लेकर सवाल खड़ा कर चुके हैं। विश्नोई प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुके हैं। 

सरकार बनाने के चक्कर में बीजेपी ने लोकतंत्र के एक आवश्यक पाठ को दरकिनार कर दिया: विवेक तन्खा 

बीजेपी नेता अजय विश्नोई के बयान के समर्थन में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा भी उतर आए हैं। विवेक तन्खा ने कहा है कि, 'अजय भाई यह पीड़ा समस्त महाकौशल और विंध्य  भौगोलिक क्षेत्र की है। मंत्रिमंडल का संतुलन प्रजातांत्रिक मजबूरी और आवश्यकता है। सरकार बनाने के चक्कर में भाजपा ने यह आवश्यक लोकतंत्र का पाठ दरकिनार कर दिया।इसका जवाब जनता निकट भविष्य में ज़रूर देगी।