भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया: जीतू पटवारी

बीजेपी ने अपने ही लोगों से धोखा कर दिया। चुनाव लड़ा शिवराज के चहरे पर और सीएम मोहन यादव को बना दिया। चेहरा किसी और का दूल्हा कोई और: जीतू पटवारी

Updated: Jan 10, 2024, 03:54 PM IST

भिंड। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिली असफलता के बाद कांग्रेस एक बार फिर जमीन पर उतर चुकी है। कांग्रेस का नेतृत्व अब युवा ब्रिगेड के हाथ में है और वे प्रदेशभर में दौरे कर रहे हैं। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, विधायक जयवर्धन सिंह और उप नेताप्रतिपक्ष हेमंत कटारे ग्वालियर-चंबल अंचल के दौरे पर हैं।

जीतू पटवारी ने बुधवार को भिंड में पत्रकारों से मुलाकात कर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर तमाम आरोप लगाये। उन्होंने यहां कहा कि, बीजेपी ने अपने ही लोगों से धोखा कर दिया। चुनाव लड़ा शिवराज के चहरे पर और सीएम मोहन यादव को बना दिया। फोटो किसी और का दूल्हा कोई और... शिवराज सिंह चौहान को दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। आज समय-समय पर शिवराज सिंह का दर्द भी छलक ही जाता है।

पटवारी के बयान पर पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या 2018 में कांग्रेस के लिए चेहरा सिंधिया थे, लेकिन सीएम कमलनाथ बनाये गये थे। इस बात का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'ये आपको कब पता चला कि 2018 में सिंधिया का चेहरा था, हमें तो नहीं पता था। मैं भी कैंपेन कमेटी का हिस्सा था। हमने तो कभी नहीं कहा कि वे चेहरा थे। हमारा तब भी सामूहिक चेहरा था, आज मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष हूं। हमारा आज भी सामूहिक नेतृत्व है।'

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पटवारी ने कहा, 'राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बन रहा है। वर्तमान में भाजपा की केंद्र में सरकार है, इसलिए निर्माण में हिस्सेदारी दिखा रही है। कोर्ट के फैसले को देश के हर वर्ग ने स्वीकार किया है। किसी ने कोई विरोध नहीं किया। देश में सभी धर्मों के पालन की आइडियोलॉजी है। इसी का पालन कांग्रेस पार्टी करती आ रही है।' पटवारी ने यह भी याद दिलाया की कांग्रेस सरकार ने राम मंदिर का दरवाजा खुलवाया था।

जीतू पटवारी ने चर्चा के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की जीत का भरोसा जताया। उन्होंने सरकार बनाने पर अग्निवीर योजना समाप्त किए जाने की भी बात कही। साथ ही ईवीएम पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन भरोसे का प्रतीक है, लेकिन अब अब उस भरोसे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए।