MP By Elections: सांची में मुश्किल है प्रभुराम चौधरी की राह, बीजेपी को सता रहा शेजवार की नाराज़गी का डर

Sanchi Election: सांची में अंदरूनी असंतोष की आशंका के चलते चार दिन में दूसरी बार सीएम शिवराज का कार्यक्रम, कांग्रेस उम्मीदवार मदन चौधरी मजबूत स्थिति में

Updated: Oct 21, 2020, 06:53 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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सांची। मध्य प्रदेश की साँची विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर बीजेपी की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। बताया जा रहा है कि यहां पार्टी को भितरघात का डर इस कदर सता रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज चौहान एक हफ़्ते से भी कम वक़्त में दूसरी बार इस विधानसभा क्षेत्र का दौरान कर रहे हैं। चार दिन पहले ही गैरतगंज में सभा करके गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को हरदौट गांव में पोलिंग बूथ पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे है। हरदौट इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मदन चौधरी का गांव है।

इससे पहले मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी गैरतगंज में बीजेपी प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी के पक्ष में सभा की थी। इसके बाद भी सीएम शिवराज का मतदान केंद्रों पर जाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं से मिलने का प्लान असंतोष कम करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि सांची विधानसभा के हरदौट के 3 मतदान केंद्र के कार्यकर्ताओं के साथ शिवराज सिंह चौहान संवाद करेंगे। जिन 28 विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहे हैं, उनके प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदान केंद्र के कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की जा रही है, जिसमें कोई न कोई पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

दरअसल इस सारे टेंशन की वजह ये है कि बीजेपी ने यहां कांग्रेस से आए दलबदलू प्रभुराम चौधरी को टिकट दे दिया है। जबकि साँची बीजेपी के वरिष्ठ और दिग्गज नेता गौरीशंकर शेजवार का पुराना क्षेत्र है। गौरीशंकर शेजवार और प्रभुराम चौधरी की टक्कर यहाँ बरसों पुरानी है। लेकिन कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे दोनों नेता अब एक ही पार्टी में हैं। और दलबदलू के चक्कर में बीजेपी ने अपने पुराने नेता को दरकिनार कर दिया।

माना जा रहा है कि इससे शेजवार अंदर ही अंदर खार खाए बैठे हैं। पार्टी को अब ये चिंता खाए जा रही है कि शेजवार अपनी नाराज़गी भले ही खुलकर ज़ाहिर न करें, लेकिन कहीं उनका अंदरूनी असंतोष कहीं प्रभुराम चौधरी का खेल ख़राब न कर दे। ऊपर से कांग्रेस ने मदन चौधरी को टिकट देकर इस सीट के जातीय और सियासी समीकरण के हिसाब से मजबूत दांव चल दिया है। यही वजह है कि सीएम शिवराज चौहान और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी डी शर्मा इस इलाक़े पर कुछ ज़्यादा ही ज़ोर लगा रहे हैं।

इस बीच ऐसी ख़बरें भी मीडिया में आ रही हैं कि शेजवार के ख़िलाफ़ बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की गई है। कहा जा रहा है कि शिकायत में शेजवार पर प्रभुराम चौधरी के लिए काम करने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं को धमकाने का आरोप लगाया गया है। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व इस बाबत शेजवार के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी कर सकता है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के लिए ये पासा उल्टा भी पड़ सकता है। क्योंकि शिकायत या कार्रवाई की बातों से नाराज़ होकर शेजवार अगर खुले विरोध पर उतर आए तो पहले से ही फँसी हुई नज़र आ रही सांची सीट पर बीजेपी की मुश्किलें और भी बढ़ने का ख़तरा है।

हम आपको बता दें कि सांची विधानसभा सीट कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले प्रभुराम चौधरी के इस्तीफे से खाली हुई है। इस सीट पर प्रभुराम चौधरी और गौरीशंकर शेजवार के बीच 1985 से टक्कर होती रही है। इस दौरान दोनों के बीच पांच बार विधानसभा चुनाव की जंग हुई, जिसमें से तीन बार गौरीशंकर शेजवार को जीत मिली। लेकिन 1985 से दोनों के बीच शुरु हुआ चुनावी मुकाबला प्रभुराम चौधरी के बीजेपी में आने से खत्म हो गया।

पहली बार साल 1985 में प्रभुराम चौधरी और गौरीशंकर शेजवार के बीच चुनावी मुकाबला हुआ था तब प्रभुराम चौधरी की जीत हुई थी। साल 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर गौरीशंकर शेजवार और प्रभुराम चौधरी के बीच मुकाबला हुआ तब गौरीशंकर शेजवार ने जीत दर्ज की। 1998 के विधानसभा चुनाव में भी गौरीशंकर शेजवार ने जीत दर्ज की।

प्रभुराम चौधरी ने दस साल बाद साल 2008 के विधानसभा चुनाव में गौरीशंकर शेजवार हराया और जीत दर्ज की। फिर साल 2013 के विधानसभा चुनाव में गौरीशंकर शेजवार ने जीत दर्ज की। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गौरीशंकर शेजवार की जगह उनके बेटे मुदित शेजवार को सांची विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था। जिनको  तब कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रभुराम चौधरी ने हराया और जीत दर्ज की।