MP Cabinet Expansion : बृजेन्द्र सिंह यादव चौंकाने वाला नाम

लोकसभा चुनाव हरा चुके बीजेपी सांसद केपी यादव का प्रभाव घटाने के लिए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने बृजेन्द्र यादव को आगे करने की रणनीति अपनाई 

Publish: Jul 03, 2020, 04:01 AM IST

कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए सिंधिया खेमे के पूर्व विधायक बृजेन्द्र सिंह यादव ने शिवराज कैबिनेट में जगह प्राप्त की है। यादव का जन्म 24 जून 1969 को सामाजिक कार्यकर्ता व किसान राव गजराम सिंह यादव के घर हुई थी। वह मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए हैं। 

शैक्षणिक योग्यताओं के मामले में यादव सिर्फ सातवीं पास हैं। यादव ने 2005 में सर्वप्रथम राजनीति में एंट्री ली थी जब उन्हें सर्वसम्मति से अमरोद सीट से पंचायत समिति का सदस्य चुना गया था। वह हमेशा किसानों की समस्याओं को लेकर मुखर रहते थे जिस वजह से मध्यप्रदेश कांग्रेस ने उन्हें किसान प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था।

साल 2010 में उनकी पत्नी सुविता यादव भी सर्वसम्मति से अमरोद सीट से पंचायत समिति का सदस्य चुनीं गयी थी। इसके बाद उन्हें समिति का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। बृजेन्द्र पहली बार विधानसभा तब पहुंचे जब कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा की मृत्यु हुई थी। फरवरी 2018 उपचुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीता था। इसके बाद नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें फिर से टिकट दिया था जिसके बाद उन्होंने जीत हासिल की थी। 

उनको मंत्री पद देना चौंकाने वाला है। हालांकि माना जा रहा है कि इसके पीछे की वजह सिंधिया को लोकसभा चुनाव हरा चुके बीजेपी सांसद केपी यादव हैं। केपी यादव और बृजेन्द्र यादव दोनों मुंगावली के हैं और एक ही समाज के भी हैंं। ऐसे में केपी यादव को रोकने के लिए सिंधिया ने बृजेन्द्र को आगे करने की रणनीति अपनाई है। 

बृजेन्द्र को साफ छवि का नेता माना जाता है। इस वजह से वह सर्वसम्मति से पंचायत समिति चुनावों में चुने जाते रहे हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। खुद कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद वह अपने बाल-बच्चों को उच्च शिक्षा दिला रहे हैं। उनके बड़े बेटे अर्जुन ने आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजिनीरिंग की पढ़ाई की है वहीं दूसरे बेटे राहुल राजधानी भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी बेटी प्रियंका IPER भोपाल से एमबीए कर रहीं हैं।