PC Sharma: पात्रता परीक्षा को चयन परीक्षा बताकर भ्रम न फैलाएं शिवराज

MP Government: पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, बेरोज़गारों को ठगने के लिए नया व्यापम तैयार कर रही है शिवराज सरकार, सीईटी से नौकरी का झांसा महज़ एक कोरी मंचीय घोषणा है

Updated: Aug 26, 2020, 07:02 AM IST

Photo Courtesy: Srbpost.com
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भोपाल। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह ऐलान किया है कि प्रदेश के युवाओं को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) द्वारा आयोजित किए जाने वाले CET (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रदेश की सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस घोषणा को उनकी अन्य घोषणाओं की तरह ही प्रदेश के युवाओं को ठगने वाली घोषणा बताया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि CET केवल पात्रता परीक्षा है, चयन परीक्षा नहीं लिहाज़ा मुख्यमंत्री की यह घोषणा पूर्ण रूप से फर्जी है। 

दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने SSC, Bank और Railway की परीक्षाओं को संयुक्त रूप से आयोजित करने का फैसला किया है। जिसके परिणाम स्वरूप CET की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को इन विभागों में रोज़गार प्राप्त करने की पात्रता मिल जाएगी, जो कि तीन साल तक के लिए वैध होगी। लेकिन इसमें बड़ा पेंच यह है कि इस परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थियों को संबंधित विभागों में अलग से आवेदन करना होगा तथा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। लेकिन प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने CET की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को प्रदेश की सरकारी नौकरी में सीधे एंट्री देने का ऐलान किया है, जिसे कांग्रेस युवाओं के साथ छलावा बता कर विरोध कर रही है।   

प्रदेश की पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे पीसी शर्मा ने एक पत्रकार वार्ता में नेशनल रिक्रुटमेंट एजेंसी को बड़ा व्यापम बताते हुए कहा कि अभी लगभग केंद्र सरकार के स्तर पर 20 रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं। इनमें से केवल 3 एजेंसी एस एस सी, रेल्वे रिक्रूटमेंट बोर्ड एवं आई बी एस द्वारा की जा रही परीक्षा को ही NRA द्वारा आयोजित जाएगा।वह भी केवल ग्रुप बी एवं ग्रुप सी की नॉन गज़ेटेड पदों के लिए लागू होगा। कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पात्रता परीक्षा पास करने के बाद भी इन एजेंसियों में पृथक से आवेदन भी देना पड़ेगा, तब इस एक और नयी परीक्षा का क्या औचित्य है? शर्मा ने कहा कि इससे यह बात स्पष्ट है कि बेरोजगारों को ठगने के लिये एक बड़ा व्यापम बनाया जा रहा है।

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बेरोज़गारों को ठगने के लिए नया व्यापम तैयार कर रही है सरकार 
शर्मा ने कहा कि मोदी जी की नकल को आतुर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बिना किसी जानकारी के फिर एक घोषणा कर दी है। कि प्रदेश में शासकीय नौकरियों के लिए युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। NRA द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही इन्हें प्रदेश की शासकीय नौकरियां मिलेंगी।शर्मा ने कहा कि इससे मेरिट वाले युवा पीछे धकेल दिये जायेंगे और अन्य पात्रता परीक्षाओं की तरह आशा आशा में ही युवा ओवर एज हो जायेंगे।

पीसी शर्मा ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या उन्हें जानकारी है कि NRA सिलेक्शन नहीं है शॉर्टलिस्टिंग के लिए है?क्या आपने NRA में प्रदेश की नौकरियों को शामिल करने की मंजूरी ली है ?क्या आप ( शिवराज सिंह चौहान) व्यापम और MPPSC जैसी संस्थान बंद कर रहे हैं, जिनका काम प्रदेश की सरकारी नौकरियां की परीक्षा आयोजित करना है ? शर्मा ने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को भ्रमित करने वाली  इस घोषणा के क्या मायने हैं?

पत्रकार वार्ता के दौरान पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का यह बयान साफ़ तौर पर एक कोरी मंचीय घोषणा है, जो उन्होंने युवाओं को लुभाने के लिए की है। लेकिन अब वह यह घोषणा करके खुद फंस गए हैं। शर्मा ने याद दिलाया  कि मध्यप्रदेश के बेरोजगारों को शासकीय नौकरी में मप्र के रोजगार कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य करके मध्यप्रदेश के बेरोजगारों को नौकरी देने का फैसला जुलाई 2019 में ही कमल नाथ सरकार कर चुकी है। पीसी शर्मा ने कहा कि 'जिन रोजगार कार्यालयों को शिवराज बंद कर चुके थे उन्हें वापिस शुरू कर सशक्त बनाने का काम कमलनाथ जी ने किया।' साथ ही निजी क्षेत्र में भी 70% नौकरियों को प्रदेश के युवाओं का फैसला किया ।पूर्व मंत्री  शर्मा ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 15 साल में 28 लाख लोगों को बेरोजगार बनाये रखने वाली शिवराज सरकार युवाओं को ठगने की नई तरकीब लगा रही है,बेहतर हो कि वह कमलनाथ सरकार के रोजगार मूलक फैसलों का पालन करे।