चपरासियों के भरोसे एमपी स्वास्थ्य व्यवस्था, शहडोल में नहीं आ रहे डॉक्टर तो चपरासी नाप रहे लोगों के बीपी-शुगर 

समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर डॉक्टरों का भारी आकाल है, इसके ही चलते वहां ड्युटी पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ही लोगों के पर्ची काट रहा है और उनके बीपी और शुगर को मापने का काम कर रहा है। 

Publish: Jul 29, 2023, 01:14 PM IST

शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां डॉक्टरों के आभाव इतना है कि समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का खुद ही मरींजो की पर्ची बना रहा है साथ ही उनके बीपी और शुगर को मापने का काम कर रहा है। 

जानकारी के मुताबिक मामला छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींक बिजुरी का है। जो शहडोल जिले के अंतर्गत आता है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां कि स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है अस्पताल के गेट पर बैठा सुरक्षाकर्मी आने वाले मरीजों की बीपी एवं शुगर की जांच कर साथ में लाएं पर्ची में सुरक्षाकर्मी उस पर्ची में जांच कर लिख भी रहा है।

यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गांव झींक बिजुरी में होने के नाते यहां मरीजों का आना जाना अधिक होता है। इस अस्पताल में एक भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है कुछ माह पहले ही डॉक्टर भूपेंद्र सिंह सेंगर पीजी के लिए जिला अस्पताल आ गए हैं जिसके बाद से महीनों गुजर गए और डॉक्टर वहीं अस्पताल से अब मरीजों को समस्याएं होने लगी है।

इसी गांव में विधायक मनीषा सिंह को कुछ दिन पहले ही नाराज ग्रामीणों ने रोक लिया था कई सारी समस्याओं से विधायक को अवगत कराया था, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को शासन ने करोड़ों रुपये खर्च कर बनवाया है।

अस्पताल में सुरक्षाकर्मी लोगों की जांच कर रहे इस मामले पर जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर आरके वर्मा बुढ़ार का कहना है कि यहां स्टाफ रुकना नहीं चाहता और चंद हजार रुपये देकर अपना तबादला करा लेता है। ब्लॉक मेडिकल बुढ़ार डॉक्टर वर्मा ने भी कहा कि पैसे देकर स्टाफ ट्रांसफर करा लेता है, जिसकी वजह से व्यवस्था गड़बड़ हो रही है।