कंप्यूटर बाबा की रिहाई नहीं, जमानत मिलने के बाद जेल में ही फिर से गिरफ्तार

एसडीएम कोर्ट ने कल कंप्यूटर बाबा को जमानत दी थी, लेकिन पुलिस ने एक और केस दर्ज करके फिर से गिरफ्तार कर लिया

Updated: Nov 13, 2020, 03:47 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। बाबा को कल एसडीएम कोर्ट ने पांच लाख की बैंक गारंटी पर जमानत दे दी थी, लेकिन वे जेल से बाहर आ पाते उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें एक और मामला दर्ज करके फिर से गिरफ्तार कर लिया। यानि एक बार ज़मानत मिलने के बावजूद कंप्यूटर बाबा की दिवाली अब जेल में ही कटेगी। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने कंप्यूटर बाबा के खिलाफ नया मामला ग्राम पंचायत बरौली हप्सी के पंचायत सचिव श्रीराम बारोलिया की शिकायत पर दर्ज किया है। बारोलिया का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के पहले और बाद में बाबा ने उन्हें धमकाया था। बारोलिया ने कंप्यूटर बाबा और उनके साथियों पर अतिक्रमण हटाने के दौरान मारपीट करने के आरोप भी लगाए हैं।

बाबा के खिलाफ दर्ज नई एफआईआर में लिखा गया है कि पंचायत से बाबा को अवैध कब्जा हटाने का नोटिस भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कब्जा नहीं हटाया। पंचायत सचिव को जब यह पता चला कि बाबा आए हुए हैं, तो वे 8 नवंबर को सुबह 6 बजे बाबा से मिलने गए। इस दौरान बाबा ने सचिव को जान से मारने की धमकी दी साथ ही जातिसूचक शब्द भी कहे।

मामले में जिला पुलिस ने बाबा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में आईपीसी की धारा 353, मारपीट व धमकी 323, 294, 506, 186, 34 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (2) 5 और 3 (1) a के अंतर्गत केस दर्ज किया है। इस मामले में बाबा के साथियों को भी बिना नामजद आरोपी बनाया गया है।

कंप्यूटर बाबा को इस मामले में प्रशासन के एक अनुविभागीय मजिस्ट्रेट से मंजूरी लेकर केंद्रीय जेल में ही कम्प्यूटर बाबा की औपचारिक गिरफ्तारी की गई। बाबा पिछले 6 दिनों से इसी जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

क्यों गिरफ्तार हुए थे बाबा

गौरतलब है कि बीते आठ नवंबर को इंदौर जिला प्रशासन ने 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से दो एकड़ पर फैले कंप्यूटर बाबा के आश्रम के अवैध कब्जे को तोड़ने की कार्रवाई की थी। इस दौरान आश्रम को चार पोकलेन मशीनों से ध्वस्त किया गया था। कार्रवाई के दौरान अशांति फैलाने के आरोप में जिला पुलिस ने कम्प्यूटर बाबा और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।'

कांग्रेस का आरोप है कि कंप्यूटर बाबा को राजनीतिक बदले की भावना के तहत गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उन्होंने हाल ही में विधानसभा उपचुनाव के दौरान बीजेपी के खिलाफ प्रचार किया था।