इमरती देवी अब विधायक नहीं तो मंत्री के तौर पर बंगले में कैसे रह सकती हैं, कांग्रेस ने उठाया सवाल

कांग्रेस ने कहा, इमरती देवी को बंगला ख़ाली करने का नोटिस देने वाले अफ़सर का तबादला ग़लत, ईमानदार अफ़सरों के ख़िलाफ़ है शिवराज सरकार

Updated: Dec 07, 2020, 03:56 PM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
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भोपाल। बीजेपी नेता इमरती देवी को बंगला खाली करने का आदेश नोटिस फौरन रद्द किए जाने और नोटिस जारी करने वाले अफसर के तबादले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा है कि इमरती देवी जब विधायक ही नहीं रह गई हैं, तो वे मंत्री की हैसियत से सरकारी बंगले में कैसे रह सकती हैं? यह वाकया बताता है कि बीजेपी के राज में कुछ भी संभव है। कांग्रेस ने इमरती देवी को बंगला खाली करने का नोटिस देने वाले अफसर के तबादले को ईमानदार अफसर के खिलाफ की गई कार्रवाई भी बताया है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि बीजेपी सरकार ईमानदार कर्मचारियों पर सिर्फ इसलिए कार्रवाई कर रही है क्योंकि वे अपने कामकाज में कानून के पालन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमरती देवी अब विधायक भी नहीं रह गई हैं, ऐसे में वे मंत्री कैसे बनी रह सकती हैं और मंत्री की हैसियत से सरकारी बंगले में कैसे रह सकती हैं? भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि बीजेपी राज में कुछ भी हो सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि लोगों ने यह भी देखा है कि बीजेपी ने कैसे प्रदेश में सत्ता हथियाते ही कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों से जबरन बंगले खाली करवाए, जबकि वे सभी विधायक हैं। 

बता दें कि शनिवार की शाम को लोकनिर्माण विभाग ने इमरती देवी को ग्वालियर में झांसी रोड पर स्थित उनके बंगले खाली करने का आदेश जारी किया था। उस आदेश में उन्हें पूर्व मंत्री बताया गया था। यह नोटिस मिलते ही इमरती देवी ने बवाल मचा दिया। जिसके बाद लोकनिर्माण विभाग की तरफ से एक नया आदेश जारी करके पिछले आदेश को रद्द कर दिया गया था। इतना ही नहीं, इमरती देवी के नाम बंगला खाली करने का नोटिस जारी करने अधिकारी ओमहरि शर्मा का भोपाल ट्रांसफर करके उनकी जगह आरके गुप्ता को नया एक्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर बना दिया गया।