कांग्रेस आज भी देश को जोड़ने की यात्रा पर है, भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर बोले दिग्विजय सिंह

कांग्रेस आज भी यात्रा पर है देश को जोड़ने की, नफरत को तोड़ने की, हर संघर्ष में अपने मूल मंत्र "सबसे पहले देश" पर कायम रहते हुए न रुकेगी न थकेगी, चलती रहेगी भारत से नफ़रत मिटने तक, सदैव प्रेम सद्भाव बनाने तक: दिग्विजय सिंह

Updated: Sep 07, 2023, 05:00 PM IST

नई दिल्ली। चार हजार किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा पिछले साल आज ही के दिन कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक करीब चार हजार किलोमीटर तय करने वाली इस यात्रा के आयोजन की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सौंपी गई थी। गुरुवार को यात्रा की पहली वर्षगांठ पर सिंह ने कहा कि यात्रा न रुकेगी, न थकेगी, भारत जोड़ने तक चलती रहेगी।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के लोगों की आवाज़ है, मृदु मगर सशक्त। ये देश की हिम्मत, संकल्प व आत्म विश्वास का साक्षात स्वरूप है। कांग्रेस आज भी यात्रा पर है देश को जोड़ने की, नफरत को तोड़ने की, हर संघर्ष में अपने मूल मंत्र "सबसे पहले देश" पर कायम रहते हुए न रुकेगी न थकेगी, चलती रहेगी भारत से नफ़रत मिटाने तक सदैव प्रेम सद्भाव बनाने तक।'

सिंह ने इसके साथ ही एक वीडियो शेयर किया है। इसमें कहा गया है कि जब अंग्रेजों ने भारत को गुलाबी की बेड़ियों में बांध रखा था तब एक आंदोलन खड़ा हुआ उन बेड़ियों को तोड़ा और देश को आजादी दिलाई और एकता की मिशाल खड़ी की। उस आंदोलन का नाम था कांग्रेस।

भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर कांग्रेस के तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि, 'यह यात्रा भारतीय राजनीति में एक बेहद परिवर्तनकारी घटना थी, जो लोगों से संबंधित विषयों पर केंद्रित थी और यह कोई लेक्चर देने वाली 'मन की बात' नहीं थी।
30 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में यात्रा के समापन के बाद भी यात्रा अलग-अलग रूपों में जारी है। राहुल गांधी ने छात्रों, ट्रक ड्राइवरों, किसानों और खेत में काम करने वाले मजदूरों के साथ अन्य लोगों के साथ बातचीत की है।'

जयराम रमेश ने 7 सितंबर 2022 का दिन याद करते हुए लिखा, 'आज राहुल गांधी के नेतृत्व में ऐतिहासिक कन्याकुमारी से कश्मीर भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की पहली वर्षगांठ है। श्रीपेरंबुदूर में अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के बाद, उन्होंने विवेकानंद रॉक, तिरुवल्लुवर की प्रतिमा, कामराज स्मारक और कन्याकुमारी में गांधी मंडपम का दौरा किया। इसके बाद वह हिंद महासागर के किनारे कन्याकुमारी में एक बड़ी सार्वजनिक रैली को संबोधित करने के लिए गांधी मंडपम से चले और अगली सुबह के शुरुआती घंटों में यात्रा शुरू हुई।' बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा पिछले साल 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई और 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरी।