कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला का आरोप, नक़ली इंजेक्शन से इंदौर में दो लोगों की मौत, बिल और बैच नंबर सार्वजनिक करे सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिवराज सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट कर सवाल किया है। जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वालों को किसका संरक्षण है?

Updated: May 11, 2021, 02:23 PM IST

Photo courtesy: twitter
Photo courtesy: twitter

भोपाल/ इंदौर। मध्य प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है। उन्होेंने इसके लिए सरकार को कसूरवार ठहराया है। संजय शुक्ला ने सोशल मीडिया के माध्यम से बीजेपी नेता पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा "इंदौर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से एक ही परिवार के 2 सदस्यों की मृत्यु हो गई। सरकार इसका जवाब दे। भाजपा नेता इंजेक्टशन की खरीदी बिल और उसका बैच नंबर सार्वजनिक करें।"

कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट के पुत्र पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने भाजपा नेता से खरीदी बिल और बैच नंबर सार्वजनिक करने को कहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा है कि बीजेपी आपदा में अवसर तलाश रही है। हालांकि सिलावट इन आराेपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं

प्रदेश में हो रही रेमडेसिविर  इंजेक्कीशन की कालाबाजारी पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया है कि जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वालों को किसका संरक्षण है? कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा- "महामारी में मध्यप्रदेश में नए तरीके का माफिया सामने आया है, वो है 'रेमडेसिविर माफिया'। इसने इस संकट काल में कई लोगों की जानें ली हैं। कई जरुरतमंद लोगों को लूटा है। कई लोगों को ठगा है। कई परिवारों को बर्बाद किया है।"

सोमवार को जबलपुर में सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को नकली रेमडेसिविर की कालाबाजारी में लिप्त पाए जाने पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। लेकिन आरोपी के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई नहीं की गई। इसे लेकर कांग्रेस के कई नेता सरकार पर हमलावर हैं। और ऐसे लोगों को सरकारी संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं।

प्रदेश में अब तक सरकारी अस्पताल की अपेक्षा प्राइवेट अस्पताल को ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए हैं। खबर है कि 2 लाख 60 हजार डोज का 7 कंपनियों को आर्डर दिया गया है और 1 लाख 88 हजार डोज की सप्लाई हो चुकी है। 99 हजार 727 डोज प्राइवेट अस्पतालों को अलॉट हुए हैं। जबकि 88 हजार 724 डोज सरकारी अस्पतालों में मरीजों को लगाए गए हैं। 71 हजार 549 डोज की आपूर्ति शेष है।