रीवा कांग्रेस ने की शिवराज चौहान पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग, ज़िले में 1 हजार मौतों का दावा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ हुई एफआईआर के विरोध में एसपी को ज्ञापन सौंपा गया, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा, रीवा में हुई 1 हजार मौतें, सरकार छिपा रही आंकड़ा।

Updated: May 24, 2021, 03:43 PM IST

Photo courtesy: patrika
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रीवा। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज हुई एफआईआर के बाद प्रदेशभर में ​सियासत शुरू हो गई है। एफआईआर के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी रीवा द्वारा एसपी राकेश कुमार सिंह को ज्ञापन दिया गया है। साथ ही कांग्रेस पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ला ने  कहा कि अकेले रीवा जिले में 1000 के करीब मौतें हुई हैं। लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में100 मौत भी ठीक से दर्ज नहीं हुई है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ला ने दावा किया कि कोरोना काल में शिवराज सरकार और उनकी मशीनरी झूठ फैलाने में लगी रही है। सरकारी रिकॉर्ड में रीवा में मौत का आंकड़ा 100 भी नहीं पहुंचा जबकि एक हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। शहर अध्यक्ष गुरमीत सिंह मांगू ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए इसे प्रदेश की जनता के साथ जघन्य अपराध करार दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हो रही मौतों के आंकड़ों को छिपाकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता के साथ जघन्य अपराध किया है। इनको अब जनता माफ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 1 लाख से ऊपर लोगों ने कोरोना में अपनी जान गंवाई है। हेल्थ बुलेटिन में सरकार के आंकड़े झूठे और गलत हैं। आपदा के समय झूठे आंकड़े जनता के सामने रखने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए हुए कहा है कि यदि पुलिस और प्रशासन सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करती तो बड़ा आंदोलन होगा। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की  होगी।

सतना शहर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओ ने भी सिविल लाइन चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। एनएसयूआई ने कहा कि एमपी में भाजपा व शिवराज सरकार कोरोना से मौत के आंकड़े छिपा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विरोध किया तो FIR दर्ज करा दी। जबकि एफआईआर तो शिवराज सिंह चौहान पर दर्ज होना चाहिए। क्योंकि सतना जिले में पिछले 44 दिनों में 800 से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौतें हुई हैं। जबकि सरकारी रिकॉर्ड में एक सैकड़ा भी नहीं पहुंची। वहीं बीते तीन दिन पहले कांग्रेस ने ब्लॉक वार आंकड़े जुटाए थे। कांग्रेस ने दावा किया था कि जिनके घरों में मौतें हुई हैं। उनके परिजनों के मोबाइल नम्बर हमारे पास मौजूद हैं। सरकारी हेल्थ बुलेटिन को बताया सब झूठ है।