Premchand Guddu: तीसरी बार विधायक बनने की दौड़ में सांवेर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू

Sanwer By poll 2020: दो बार विधायक और एक बार के सांसद रहे प्रेमचंद गुड्डू ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रताड़ना से तंग आकर छोड़ी थी कांग्रेस, अब सिंधिया के करीबी मंत्री से टक्कर

Updated: Sep 22, 2020, 09:31 PM IST

सांवेर। मध्यप्रदेश के विधानसभा उपचुनाव 2020 की सबसे हाई प्रोफाइल सीट सांवेर से कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू ने प्रदेश की राजनीति में काफी तेजी से अपना स्थान बनाया है। वे कांग्रेस में ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर सांसद और पार्टी की अन्य उच्च ज़िम्मेदारियां निभा चुके हैं। दो बार विधायक रह चुके प्रेमचंद गुड्डू तीसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार कांग्रेस ने उन्हें बागी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे विश्वासपात्र नेता मंत्री तुलसीराम सिलावट के ख़िलाफ़ मैदान में उतारा है। सिलावट भी सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में चले गए हैं। 

60 वर्षीय प्रेमचंद गुड्डू का जन्म 2 सितंबर 1960 को इंदौर के एक किसान परिवार में हुआ था। इंटर पास करने के बाद प्रेमचंद गुड्डू छात्र राजनीति से जुड़े। छात्र जीवन में ही प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विचारों से प्रभावित हो कर गुड्डू कांग्रेस से जुड़ गए थे। 1994 से लेकर 1999 तक नगर निगम परिषद सदस्य रहे प्रेमचंद गुड्डू को कांग्रेस ने 38 साल की उम्र में सांवेर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया था और वह जीतकर मध्यप्रदेश विधानसभा में पहुंचे थे।

विधायक बनने के बाद प्रेमचंद गुड्डू ने जनकल्याण के कार्यों पर फोकस किया और इस कारण क्षेत्र में उनकी मैदानी पकड़ और लोकप्रियता काफी बढ़ गई थी। साल 2003 में कांग्रेस ने प्रेमचंद गुड्डू को आलोट से टिकट दिया। वे आलोट से  जीत कर दोबारा विधानसभा पहुंचे। उनकी लोकप्रियता ही थी साल 2009 में पार्टी ने उन्हें उज्जैन लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया और गुड्डू 15वीं लोकसभा में बतौर सांसद चुनकर भेजे गए। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया प्रताड़ित

एक वक्त ऐसा आया जब प्रेमचंद गुड्डू की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर विपक्षी दल तो क्या कांग्रेस के नेता भी चिंतित होने लगे। इसके बाद उन्होंने साल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया और बीजेपी में चले गए थे। हालांकि इसके डेढ़ साल बाद ही कांग्रेस में फिर से 31 मार्च 2020 को वापसी हुई। कांग्रेस में आने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारणों का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी के ही बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया उन्हें प्रताड़ित करते थे और क्षेत्र में मेरी लोकप्रियता उन्हें रास नहीं आती थी।

यह दौर ऐसा था जब कांग्रेस में टिकट बंटवारे के दौरान सिंधिया के बातों को तवज्जो दिया जाता था और सिंधिया अपने लोगों को ही पार्टी में पद और चुनाव में टिकट दिलवाया करते थे। बाद में जब सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी का दामन थामा तो प्रेमचंद गुड्डू तत्काल अपने पुरानी पार्टी में वापस आ गए। अब वे सिंधिया के सबसे विश्वासपात्र मंत्री तुलसीराम सिलावट के ख़िलाफ़ मैदान में हैं।