सागर में दलित शख्स की पीट-पीटकर हत्या, शव ला रही भतीजी की संदिग्ध मौत
घटना के तार वर्ष 2019 में हुई एक छेड़खानी की FIR से जुड़े हैं। इसी मामले में राजीनामे को लेकर अगस्त 2023 में युवती की भाई की हत्या कर दी गई। उस हत्या के गवाह युवती के चाचा की कल हत्या कर दी गई।

सागर। मध्य प्रदेश में दलित उत्पीड़न और महिला अपराध बेलगाम है। प्रदेशभर में आए दिन सरेआम दलितों के हत्या की घटनाएं सामने आ रही है। शुक्रवार 25 मई को सागर में एक दलित युवक की हत्या का हैरान करने वाला मामला सामने आया। यहां राजेंद्र अहिरवार नमक युवक की दबंगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतक का शव ला रही उसकी भतीजी की रास्ते में संदिग्ध मौत हो गई। यह वही परिवार है जिसके घर के युवक की पिछले साल पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
इस घटना के तार साल 2019 में हुई एक छेड़खानी की FIR से जुड़े हुए हैं। दरअसल, सागर जिले की खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरोदिया नोनागिर गांव में साल 2019 में काजल अहिरवार (परिवर्तित नाम) ने गांव के चार दबंगों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज़ कराई थी। दबंगों द्वारा पीड़ित परिवार पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था।
मुकदमा वापस लेने से इंकार करने पर बीते साल 24 अगस्त की शाम दबंगों ने पीड़िता के 18 वर्षीय भाई नितिन अहिरवार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उसे रोकने की कोशिश करने पर दबंगों ने उसकी मां को निर्वस्त्र कर पीटा था। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद नौ आरोपियों पर एससी-एसटी सहित हत्या का मामला दर्ज़ किया गया था। जानकारी के मुताबिक सभी आरोपी जेल में है पर उनके परिजन अब पीड़ित के परिवार पर राजीनामे का दबाव बना रहे थे।
राजीनामे से इंकार करने पर इस बार आरोपियों ने छेड़खानी पीड़िता के चाचा राजेंद्र अहिरवार की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हैरानी की बात ये है कि पोस्टमार्टम के बाद शव को एंबुलेंस से लेकर जा रही युवती की भी रास्ते में संदिग्ध मौत हो गई। एएसपी लोकेश सिन्हा के अनुसार युवती की शव वाहन से गिरने से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस इस बात की विवेचना कर रही है कि किन परिस्थितियों में युवती की मौत हुई है।
हालांकि, मृतक के भाई ने घटना को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उसने कहा कि मुझे आचनक कॉल आया की आपकी बहन की एक्सीडेंट में मौत हो गई। वो अच्छी भली आ रही थी तो एंबुलेंस से कैसे गिर गई? उसने बताया कि पुराने केस में राजीनामे को लेकर आरोपी दबाव बना रहे थे। अगले महीने गवाही होने वाली थी। चाचा गवाह थे इसीलिए उन्हें बुलाकर जान से मार दिया और हमारी बहन के साथ ये हादसा करवा दिया।
रविवार को परिजन अंतिम संस्कार करने से इंकार कर रहे थे। प्रशासन के दबाव में रात करीब आठ बजे वे राजेंद्र अहिरवार का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए। वहीं, युवती का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।