भोपाल में हजारों पंच-सरपंचों का प्रदर्शन, प्रह्लाद पटेल मनाने पहुंचे, कल से पंचायत कार्यालयों पर होगी तालाबंदी
सरपंचों का कहना है कि प्रशासन को मालूम था कि पंच-सरपंच आज यहां आने वाले हैं। इसके बाद भी यहां पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई। हमारा यहां अपमान हो रहा है। कल से सभी पंचायतों में तालाबंदी रहेगी।

भोपाल। मध्य प्रदेश के निर्वाचित पंच और सरपंचों ने राज्य की मोहन यादव सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। प्रदेशभर के हजारों पंच और सरपंच मंगलवार को राजधानी भोपाल पहुंचे। विभिन्न मांगों को लेकर लिंक नंबर दो स्थित सेकेंड स्टाप से मुख्यमंत्री निवास घेरने निकले पंच-सरपंच सड़क पर ही बैठ गए।
इससे पहले सुबह सभी अंबेडकर मैदान में जमा हुए। पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल उन्हें मनाने पहुंचे थे। सरपंचों का कहना है कि प्रशासन को मालूम था कि पंच-सरपंच आज यहां आने वाले हैं। इसके बाद भी यहां पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई। हमारा यहां अपमान हो रहा है। कल से सभी पंचायतों में तालाबंदी रहेगी।
लिंक रोड नंबर दो स्थित अंबेडकर पार्क में सरपंचों के 3 गुटों ने संयुक्त रूप से सीएम हाउस घेराव का ऐलान किया था। सरपंचों से बात करने पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल भी पहुंचे। लेकिन, सरपंच मंत्री की बात से सहमत नहीं हुए। इसके बाद वे सीएम हाउस घेराव के लिए निकल पड़े। सरपंच जैसे ही आगे बढ़े पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस बीच, सरपंचों को बातचीत के लिए मुख्यमंत्री निवास से बुलावा भेजे जाने की बात सामने आई थी। लेकिन, बाद में सरपंच संघ के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात की अफवाह फैलाई गई है।
प्रदर्शनकारी सरपंचों ने कहा कि गांधीजी ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना भारत के प्रत्येक गांव को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया था। गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाँधी जी ने पंचायती राज व्यवस्था पर जोर दिया था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गांधी जी के सपने को साकार करते हुए पंचायती राज व्यवस्था लागू किया। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिए थे। उन्होंने ग्राम पंचायतों को मजबूती दी। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही ग्राम पंचायतों के सारे अधिकार छीन लिए गए। भाजपा सरकार ग्राम स्वराज की परिकल्पना के खिलाफ है।